शिकायतों के निस्तारण में इटावा-औरैया से भी पिछड़ा कानपुर, पांच परियोजनाओं को ई-ग्रेड…
सरकार की जन उपयोगी योजनाओं का क्रियान्वयन कराने और शिकायतों के निस्तारण में छोटे शहरों से कानपुर नगर पिछड़ गया है। मॉनीटरिंग करने वाली सीएम डैश बोर्ड की ओर से जारी विकास कार्यों के 27 विभागों की जुलाई माह की रैंकिंग में मंडल का सबसे बड़ा जिला कानपुर टॉप-5 में जगह नहीं बना सका है। वहीं, इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात ने टॉप-5 में जगह बनाई है।
जुलाई में प्रदेश में जिले की 74 वीं रैंक आई है, जब कि जून में 67 वीं रैंक आई थी। सीएम कार्यालय से सभी विभागों की परियोजनाओं की मॉनीटरिंग की जाती हैं। जिसमें संबंधित विभागों की योजनाओं की प्रगति एवं शिकायतों के निस्तारण पर निगरानी की जाती है। उसी के अनुसार विभागों की रैंकिंग बनती है। विभागों की रैंकिंग को मिलाकर प्रदेश में जिले रैंक तय की जाती है।
जिले में विकास कार्यों के 27 विभागों की 75 परियोजनाओं में सिर्फ दिव्यांग पेंशन और सेतु निर्माण परियोजना में कानपुर टॉप-5 में स्थान पा सका है। सामूहिक विवाह, कन्या सुमंगला, अंडा उत्पादन, बिजली बिल में सुधार, बिजली आपूर्ति जैसी आवश्यक योजनाओं में ई ग्रेड मिलने पर महानगर पिछड़ गया है।
इन परियोजनाओं की रैंकिंग जारी
यूपी नेडा, उद्यान, बिजली विभाग, कृषि, अवस्थापना, औद्योगिक विकास, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, दुग्ध विकास, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, पंचायतीराज, पर्यटन, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, प्राथमिक शिक्षा, पशुधन, मत्स्य, महिला एवं बाल विकास, माध्यमिक शिक्षा, लोक निर्माण, कौशल विकास एवं उद्यमिता, श्रम एवं सेवायोजन, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, सैनिक कल्याण, सहकारिता, लोक शिकायत विभाग।
इन परियोजनाओं ने खराब की रैंक
ई- रैंक: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, अंडा उत्पादन, विद्युत बिल सुधार आवेदन, विद्युत आपूर्ति परियोजना
डी- रैंक: प्रोजेक्ट अलंकार, पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान, निपुण परीक्षण आकलन, बैंक क्रेडिट लिंकेज योजना।