PM मोदी के भाषण के दौरान सदन में विपक्षी सांसदों ने लगातार की नारेबाजी

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद में बयान दिया।लोकसभा में पीएम मोदी के बयान से पहले ही विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। पीएम मोदी के खड़े होने पर भी शोर कम नहीं हुआ और विपक्षी सांसदों ने सदन में जमकर नारेबाजी की।
पीएम मोदी के बयान के दौरान सदन में भाजपा की सहयोगी टीडीपी के सांसद आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर ड्रामा बंद करो और धमकाना बंद करो जैसी नारेबाजी करते रहे थे। यहां तक कि जुमलेबाजी बंद करो जैसे नारे भी गूंजते रहे। साथ ही झूठा भाषण बंद करो और मैच फिक्सिंग बंद करो जैसे नारे भी सुनाई देते रहे।
हालांकि मंगलवार को बाकी की चर्चा में सत्तापक्ष और विपक्ष अपनी पीठ थपथपाता रहा। सत्तापक्ष ने जहां मोदी सरकार की चार साल उपलब्धियों को कांग्रेस सरकार की 60 साल के कामों पर भारी बताया। वहीं विपक्षी नेताओं ने नोटबंदी, जीएसटी और बेरोजगारी को लेकर सरकार पर हमला बोला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देंगे। इसके लिए भाजपा ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इस दौरान पीएम मोदी सरकार के बजट समेत तमाम नीतियों पर बयान दे सकते हैं। इसके अलावा लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान राजनाथ सिंह गृह मंत्रालय से जुड़ें सवालों के जवाब देंगे।
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुए भाजपा सांसद राकेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस छह दशक के शासन काल में गांधी के सपने को साकार करने में विफल रही, लेकिन मोदी सरकार ने चार सालों में स्वच्छ भारत मिशन शुरू कर उस सपने को साकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि किस तरह प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से झोपड़ी में रह रहे गरीबों को पक्के घर मिल रहे हैं। वहीं, कांग्रेस की ओर से लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सत्तापक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार देश की विकास दर को 9.1 फीसदी तक ले जाने में सफल रही थी, जिसका अनुमान अब चुनावी साल में भी 7-7.5 फीसद मुश्किल से लगाया जा रहा है।
पीएम मोदी लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान राज्यसभा को भी संबोधित करेंगे। पीएम दोपहर को लोकसभा और उसके बाद देर शाम राज्यसभा में भाषण देंगे। बता दें कि बजट सत्र की शुरूआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई थी, जिसके बाद 1 फरवरी को बजट पेश किया गया था।