दुर्गा पूजा के दौरान इन गलतियों से भुगतने पड़ सकते हैं बुरे परिणाम, जानें क्या ?
शारदीय नवरात्र में दुर्गा पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान आदिशक्ति के नौ रूपों की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। दुर्गा पूजा के लिए देशभर में जगह-जगह पर पंडाल लगाए जाते हैं और उनमें मां दुर्गा की प्रतिमा को विराजमान किया जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से 05 दिनों तक मनाया जाता है। अंतिम दिन मां दुर्गा का विसर्जन किया जाता है। मान्यता है कि दुर्गा पूजा (Durga Puja 2024) के दौरान कुछ गलतियों को करने से साधक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस उत्सव के समय क्या करें और क्या न (Durga Puja Dos And Don’ts) करें?
दुर्गा पूजा के दौरान क्या करें?
दुर्गा उत्सव के समय रोजाना देवी की पूजा-अर्चना करें।
पूजा थाली में प्रिय भोग शामिल करें।
श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
लोगों में विशेष चीजों का दान करें।।
मां दुर्गा के मंत्रों का जप करें।
दुर्गा चालीसा का पाठ भी जरूर करें।
घर की विशेष सफाई करें।
दुर्गा पूजा के दौरान क्या न करें?
घर (Durga Puja Avoid Things) को गंदा न करें।
किसी को गलत शब्द न बोलें।
बड़े-बुर्जुगों और महिलाओं का अपमान न करें।
तामसिक भोजन का सेवन न करें।
किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें।
दिन में सोने की मनाही है।
इसके अलावा नाखून काटने, बाल कटवाने या दाढ़ी काटने की गलती भूलकर भी न करें।
पूजा के दौरान दूर्वा और तुलसी के पत्ते का प्रयोग न करें।
कब है दुर्गा पूजा?
पंचांग के अनुसार, इस बार दुर्गा पूजा का शुभारंभ 08 अक्टूबर (When Is Durga Utsav) से हो गया है। वहीं, इस उत्सव का समापन 13 अक्टूबर दुर्गा विसर्जन के साथ होगा।
इसलिए लिया था मां दुर्गा ने अवतार
मां पार्वती देवी दुर्गा का ही रूप हैं। मां दुर्गा ने महिषासुर के वध के लिए अवतार लिया था। इसी वजह से देवी को महिषासुर मर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है। मां दुर्गा ने शारदीय नवरात्र के 09 दिनों तक सभी देवी-देवता के संग महिषासुर से युद्ध किया और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर महिषासुर को परास्त किया था।