हिमालय के पास दो नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण कानपुर में तेज हो सकती हैं बर्फीली हवाएं, ‘ला नीना’ दिखा रहा असर
हिमालय के पास दो नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण बर्फीली हवाएं तेज होंगी। साथ ही बंग्लादेश के दक्षिणी हिस्से पर उठे चक्रवात के कारण आसमान पर बादल छा सकते हैं। इसके चलते वर्ष के आखिरी दिनों में कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है। गुरुवार को तीन वर्ष बाद न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था और मौसम वैज्ञानिक दिसंबर के अंत तक दो डिग्री तक पारा गिरने की आशंका जता रहे हैं। सुबह व शाम धुंध और हल्के कोहरा भी लोगों की दिनचर्या पर असर डालेगा।
पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण शहर का न्यूनतम तापमान तेजी से गिर रहा है। गुरुवार को यह चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। हालांकि दोपहर में धूप खिलने के कारण अधिकतम तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं हुई और पारा 22.2 डिग्री रहा, लेकिन अब मौसम पर पश्चिमी विक्षोभ का असर शुरू हो रहा है। इसके चलते अधिकतम व न्यूनतम तापमान में और गिरावट होने की संभावना जताई जा रही है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बुधवार रात सीजन की सबसे ठंडी रात रही। इससे पूर्व वर्ष 2018 में पारा चार डिग्री से नीचे गया था। इस वर्ष प्रशांत महासागर में ला-नीना प्रभाव भी अपना असर दिखा रहा है। ऐसे में वर्ष के आखिरी दिनों में पारा और नीचे जा सकता है।
डा. पांडेय के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ का असर 27 दिसंबर या उसके बाद होगा। इस दौरान हल्की बूंदाबांदी या बारिश के साथ पाला भी गिर सकता है। किसानों को सलाह है कि वह आलू व सब्जी की फसलों में हल्की सिंचाई करके उचित नमी बनाए रखें।
देश का मौसमी सिस्टम
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि दो पश्चिमी विक्षोभ हिमालय तक पहुंच रहे हैं। साथ ही बांग्लादेश के दक्षिणी हिस्से पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना है। इसके चलते पिछले 24 घंटों के दौरान असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा व मेघालय के कुछ हिस्सों में और उत्तरी पंजाब और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश हुई है। जम्मू कश्मीर में हल्की बारिश के साथ बर्फबारी हुई है। अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में बर्फबारी के साथ बारिश हो सकती है।