दोबारा वर्जिन बनने का आपरेशन है खतरनाक, इस मिथक वजह से लड़कियां बनना चाहती हैं कुंवारी

भारत में अंधविश्वास और कथित परंपरा के नाम पर कई व्यवस्थाएं चली आ रही है। मिथ भी देश में बहुत हैं। हम 21वीं सदी में जी रहे हैं लेकिन मिथक हमारा पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे ही कुछ मिथक महिलाओं के अंदर आज भी हैं। पर्दा, प्रथा, कन्या विवाह के बाद शादी तक कुंवारी रहना यानी की बिना किसी के साथ सहवाश किए, या यूं कहें कि बिना शादी के किसी के साथ यौन संबंध बनाना अनैतिक माना जाता है। जिसके लिए मुस्लिम धर्म में आज भी शादी की पहली रात में सफेद कपड़ा बिछाने की परंपरा है। जिससे वर्जिनिटी टेस्ट की जाती है। शायद इसी डर से आज भी देश की तमाम लड़कियां कई टोटके करती हैं। लेकिन आज टेक्नोलॉजी के दौर में सिर्फ आधे घंटे में दोबारा वर्जिन बनने का चलन शुरु हो गया है।

दोबारा वर्जिन बनने का आपरेशन है खतरनाक, इस मिथक वजह से लड़कियां बनना चाहती हैं कुंवारीदेश में युवाओं में जहां लिव इन रिलेशन में रहने का फैशन है। वो सामाजिक मान्यताओं को परे रखकर शादी से पहले ही शादीशुदा की जिन्दगी जी रहे हैं। लेकिन एक मिथक है जो उनका पीछा नहीं छोड़ता खास कर लड़कियों के बीच ये मिथक 21वीं सदी में भी कायम है। क्योंकि प्यार का लंबा रिश्ता अगर टूट गया और फिर दूसरे व्यक्ति के साथ शादी करनी पड़े तो मुश्किल ये हो जाती है, कि पति को कहीं उसके पूर्व में बने शारीरिक संबंधों के बारे में पता न चल जाए। ऐसे में लड़कियां गलती को सुधरते हुए दोबारा वर्जिन बनने के लिए तैयार है। अस्पताल आने वाली लड़कियों का कहना है कि दूसरों की सोच बदलने से अच्छा है खुद को बदल लो।

डॉक्टरों की मानें तो पिछले तीन सालों में देश भर से शादी से पहले इस तरह के ऑपरेशन कराने वाली लड़कियां आ रही हैं। दिल्ली के सफदरजंग और लोकनायक अस्पताल में हर महीने प्लास्टिक सर्जरी कराने के लिए कई लड़कियां बगैर किसी झिझक अस्पताल पहुंचती हैं।

डॉक्टरों का कहा है हाइमन यानी की कौमार्य से जुड़े कई मिथक हैं। माना जाता है कि योनी की झिल्ली पहली बार सहवास करने से फट जाती है और खून बहता है। लेकिन सच्चाई ये भी है कि साइकलिंग, घुड़सवारी या कबड्डी से भी झिल्ली फट जाता है। मेट्रो शहरों में लीव इन रिलेशनशिप आम बात है। ऐसे में नौकरी करने वाली लड़कियों में सर्जरी कराने की संख्या ज्यादा है। जिसमें प्राइवेट अस्पतालों में आपरेशन कराने में पचास हजार तक का खर्चा आता है।

डॉक्टरों की माने तो हाइमन सर्जरी में कुछ बुराइयां भी हैं। जो दूसरे आपरेशन की तरह शरीर पर दिखते हैं। खासतौर पर ऐसे मामलों में संक्रमण का डर रहता है। इसलिए ऑपरेशन से पहले और बाद में कई तरह के प्रिकॉशन लेने चाहिए।

हाइमन सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंची लड़कियों की उम्र प्रायः 25 से 30 वर्ष के बीच है। जिसमें ज्यादातर पढ़ी लिखी लड़कियां है।

 

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