जापान में अब तक बारिश के कारण 76 लोगों की ही चुकी हैं मौत

जापान के दक्षिणी इलाकों में लगातार तीसरे दिन मूसलाधार बारिश ने प्रशासन की परेशानियों को और बढ़ा दिया है जबकि बारिश संबंधी घटनाओं में 48 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 28 अन्य के मारे जाने की आशंका है. प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने आपदा की इस घड़ी को समय के साथ जंग बताया क्योंकि हर गुजरते मिनट के साथ परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. भारी बारिश के बीच क्यूशू और शिकोकू द्वीप के लिये नई आपदा चेतावनी जारी की गई है.

प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा, बचाव अभियान लोगों की जान बचाना और विस्थापन का कार्य समय के खिलाफ एक लड़ाई है. उन्होंने कहा कि अब भी कई ऐसे लोग हैं जिनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी बाकी है. सरकार के शीर्ष प्रवक्ता योशिदी सुगा ने कहा कि बारिश संबंधी घटनाओं में 48 लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन अभी यह आंकड़ा और बढ़ सकता है.

सुगा ने कहा कि करीब 92 लोगों के ठिकानों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है. उन्होंने कहा कि अलग-अलग घटनाओं, जैसे कार बहने आदि में, 100 से ज्यादा लोगों के हताहत होने की खबरें मिली हैं. उन्होंने बताया कि राहत मिशन में 40 के करीब हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं. पश्चिम जापान में बारिश से हालात सबसे अधिक खराब हैं. कुछ गांव पूरी तरह डूब गए है, जहां मदद पहुंचने तक कुछ लोगों ने अपने घर की छतों पर पनाह ली.

मूसलाधार बारिश से अचानक बाढ़ आ गई और भूस्खलन हुआ. इस कारण अधिकारियों को करीब 20 लाख लोगों को उनकी जगह से हटाना पड़ा. सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और दर्जनों घर भी पूरी तरह तबाह हो गए. हिरोशिमा प्रांत के आपदा प्रबंधन अधिकारी योशीहीदी फुजीतानी ने कहा, ‘‘हम चौबिस घंटे बचाव अभियान चला रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हम बचाए गए लोगों की देखरेख कर रहे हैं और जीवन के बुनियादी ढांचों पानी और गैस को बहाल करने के भी प्रयास जारी हैं.फुजीतानी ने कह कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं. सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि एक विशेष आपदा प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है.मौसम विज्ञान एजेंसी ने आज दो नए क्षेत्रों में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया. वहीं कई क्षेत्रों से अलर्ट हटाया भी गया जहां बारिश थोड़ी हल्की हुई है.

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