DU में लेखिका ने दिया विवादित बयान, कहा- NPR में अपना नाम सभी लोग रंगा-बिल्‍ला बताना

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की आट्स फैकल्टी के सामने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में सभा का आयोजन किया गया। इसे जॉइंट कमेटी फॉर एक्शन एंगेस्ट सीएए-एनआरसी और संविधान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा आयोजित किया गया। इसमें बॉलिवुड अभिनेता मुहम्मद जीशान आयुब, लेखिका अरुंधति राॅय, अर्थाशास्त्री प्रो अरुण कुमार समेत कई छात्र नेता शामिल हुए।

नाम बताइए रंगा-बिल्‍ला और पता दीजिए 7 रेस कोर्स रोड

वहीं लेखिका अरुंधति राॅय ने सभा में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) पर विवादित बयान देते हुए एनपीआर को एनआरसी का हिस्सा बताते हुए कहा कि जब सरकारी कर्मचारी जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें गलत जानकारी दीजिए। अपना नाम रंगा बिल्ला बताइए और पता 7 रेस कोर्स रोड बताइए। उन्होंने यह भी कहा कि हम सिर्फ लाठी, गोली खाने के लिए पैदा नहीं हुए हैं।

केंद्र सरकार की हुई आलोचना

सभा में केंद्र सरकार की सीएए लाए जाने पर आलोचना भी की गई। वहीं आॅट्स फैकल्टी पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था। वाॅटर कैनन की गाड़ी भी मौजूद थी।

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सरकार पर लोगों को परेशान करने का लगा आरोप

जीशान आयुब ने सीएए पर बोलते हुए कहा कि इस कानून ने लोगों एवं छात्रों को परेशान कर दिया है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएए के खिलाफ आंदोलन को लेकर जिस तरह से सरकार की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, यह इस बात की पुष्टि है कि वह इसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

बिजली का नहीं मिला कनेक्‍शन

वहीं सभा सभा के आयोजक डीयू की लॉ फैकल्टी के एलएलबी के अंतिम वर्ष के छात्र मयंक यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी तरफ से प्रशासन से बिजली की मांग की गई थी। जिससे माइक चल सके, लेकिन कनेक्शन नहीं दिया गया। इसके बाद जनरेटर की व्यवस्था की गई। सभा को रोकने के लिए भी डीयू ने नोटिस दिया। हालांकि यह जारी रहा। मंयक ने कहा कि इस सभा के आयोजन की सूचना मॉरिस नगर थाने में दो दिन पहले दे दी गई थी।

जानिए कौन थे रंगा-बिल्ला  

रंगा और बिल्ला दोनों अपराधी थे। 1978 में दिल्ली में दो भाई-बहन गीता और संजय चोपड़ा के अपहरण और हत्या के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था और इन दोनों को मौत की सजा सुनाई गई थी। बाद में दोनों को 1982 में फांसी दे दी गई।

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