देश में नशे के खिलाफ मुहिम होगी तेज

नशे के खिलाफ मुहिम वैसे तो पूरे देश में छिड़ी हुई है, खासकर युवाओं को इससे बचाने के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे है। लेकिन इसके बाद भी नशे की गिरफ्त में गंभीर से रूप से फंसे लोगों को निकालने के लिए केंद्र अब देश के करीब 400 सौ जिले में उनकी पहचान को लेकर एक नया अभियान शुरू करने की तैयारी में है।

2025 की शुरूआत में ही नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों की पहचान होगी

इनमें प्रत्येक राज्य के कम से कम एक तिहाई जिलों को शामिल करने की योजना है। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय ने दिल्ली एम्स के साथ कई दौर की बैठक कर चुका है। माना जा रहा है कि नए साल यानी 2025 की शुरूआत में ही नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों की पहचान के लिए यह अभियान शुरू हो जाएगा।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने यह पहल ऐसे समय की है, जब 2019 में उसके ओर से देश के 272 जिलों में कराए गए ऐसे ही सर्वेक्षण के बाद उसे नशे से गंभीर रूप से पीडि़त लोगों को बचाने में बड़ी सफलता मिली थी।

सात करोड़ लोग नशे से गंभीर रूप से पीड़ित

मंत्रालय का दावा है कि इनमें करीब सात करोड़ लोग नशे से गंभीर रूप से पीड़ित पाए गए थे। इसके बाद 2020-21 में इन्हें नशे की गंभीर लत से बचाने के लिए छेड़े गए अभियान में अब तक 27 लाख लोगों को निकालने का दावा किया गया है।मंत्रालय का दावा है कि नशे की गंभीर लत में फंसे बाकी लोग भी उनकी निगरानी में है। जिन पर काम किया जा रहा है। फिलहाल इस पहल से उत्साहित मंत्रालय ने अब नशे के चंगुल में फंसे गंभीर लोगों की पहचान के लिए नए सिरे से देश के चार सौ जिलों में सर्वे की योजना बनाई है। इनमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के जिले शामिल होंगे।

देश भर में 660 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र

मंत्रालय से जुड़े शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक इस पहल को रफ्तार देने का फैसला इसलिए भी लिया गया है, क्योंकि अब देश भर में 660 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र खुल चुके है। जिन जिलों में ऐसे केंद्र नहीं है, वहां भी स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर जल्द ही ऐसे केंद्र खोलने की तैयारी है। इस सभी केंद्रों की जियो टैगिंग भी की गई है, ताकि लोगों को इन केंद्रों तक पहुंचने मे आसानी हो। इसके साथ ही राज्य सरकारों की मदद से सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर भी इसके उपचार केंद्र खोले गए है।

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