Drugs से बच्चों को बचाना है, तो पेरेंट्स इन 5 जरूरी बातों का रखें ध्यान

तनाव, दोस्तों के दबाव के कारण किशोरों में नशीली दवाओं का सेवन एक गंभीर समस्या है। 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking मनाया जाता है। माता-पिता को अपने बच्चों को नशे से बचाने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए। वहीं बच्चों के व्यवहार में अचानक बदलाव आने पर सतर्क रहना चाहिए और शांत मन से विशेषज्ञों की मदद लेनी चाहिए।
ड्रग्स हमारी सेहत के लिए कितना खतरनाक है, ये तो हम सभी जानते हैं। वहीं आज के समय की बात करें तो बच्चे कई तरह के दबावों से गुजरते हैं। उन पर भी तनाव का बोझ होता है। चाहे पढ़ाई का तनाव हो या फिर दोस्ती में धोखेबाजी, या फिर सोशल मीडिया का असर ही क्यों न हो। ऐसे में नशे की आदतें जैसे शराब, सिगरेट, ड्रग्स या वेपिंग बच्चों की लाइफ का हिस्सा कब बन जाती हैं, किसी को मालूम ही नहीं चलता है।
खासकर टीनएज, जिनकी उम्र 13 से 19 साल की है, में जब दिमाग पूरी तरह से डेवलप नहीं होता है। इस दौरान ज्यादातर बच्चे ड्रग्स की चपेट में आते हैं। यही कारण है कि हर साल 26 जून को ड्रग्स लेने की आदत के दुष्परिणामों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking मनाया जाता है।
आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको कुछ ऐसी जानकारी देंगे जिससे पेरेन्ट्स अपने बच्चों को इ बुरी आदताें में फंसने से बचा सकेंगे। आइए उनके बारे में जानते हैं विस्तार से-
खुलकर और शांत मन से बात करें
अगर आपका बच्चा किसी बुरी आदत में पड़ चुका है तो उनसे बात करने का सही तरीका आपको जरूर मालूम होना चाहिए। अगर आप उनसे गुस्से में या फिर डांट-फटकार कर बात करते हैं तो इससे वे चिड़चिड़े बन सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप उनसे अकेले में खुलकर बात करें और अपने मन को शांत रखें।
उनकी बातों को भी सुनें
जब भी आप अपने बच्चों से बात करें तो सिर्फ अपनी कहने के बजाय उनकी बाताें को भी प्राथमिकता दें। उनसे पूछें कि वे इस बारे में क्या सोचते हैं। अगर उन्हें नशे के बारे में किसी चीज की जानकारी है, तो आपकी जिम्मेदारी है कि उन्हें सही जानकारी दें।
नशे से बचने के कारण बताएं
सिर्फ ‘मत करो’ कहने भर से काम नहीं चलेगा। उन्हें ये समझाना जरूरी है कि नशा उनकी पढ़ाई, करियर पर तो असर डालेगा ही, साथ ही स्किन और हेल्थ को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
दोस्ती और दबाव से निपटना सिखाएं
कई बार बच्चे दोस्तों के बहकावे में आकर ड्रग्स के चक्कर में पड़ जाते हें। ऐसे में बच्चों को समझाएं कि दोस्तों को ‘न’ कहना भी सीखें। इसी में उनकी भलाई है। वे कोई दूसरा बहाना बनाकर वहां से हट सकते हैं।
खुद एक अच्छा उदाहरण बनें
सबसे पहले पेरेन्ट्स को भी शराब या सिगरेट जैसी चीजों से दूरी बनानी होगी। तभ्सी आप बच्चों को समझा सकते हैं कि ये चीजें क्या नुकसान कर सकती हैं और आप क्यों इनसे दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं। ध्यान रहे कि बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने बड़ों को करते हुए देखते हैं।
ये बदलाव दिखने पर हो जाएं सतर्क
अचानक गुस्सा आना
अचानक से बहुत चुप-चुप रहना
अकेले रहना
स्कूल का काम अच्छे से न करना
बार-बार पैसे मांगना
शरीर से अजीब सी गंध आना
नशे से जुड़ा सामान कमरे में मिलना
शक होने पर क्या करें?
बच्चों से बात करने से पहले खुद शांत हो जाएं
बच्चे को दोषी न ठहराएं, उन्हें समझने की कोशिश करें
किसी डॉक्टर, काउंसलर या एक्सपर्ट की मदद लें
बच्चाों पर नजर रखें
उस पर दबाव न डालें
उससे प्यार से पेश आएं
बातचीत जारी रखें