द्रौपदी मुर्मू ने 64 फीसदी वोट से राष्ट्रपति चुनाव में हासिल की बड़ी जीत, साथ ही बनाए ऐतिहासिक जीत के कई रिकार्ड 

 द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी। वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। एनडीए प्रत्याशी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया। देश के दूरस्थ और अतिपिछड़े जिलों में शुमार मयूरभंज के रायरंगपुर से निकलकर दिल्ली में रायसीना हिल्स तक पहुंचकर द्रौपदी मुर्मू ने इतिहास ही नहीं रचा है, विपरीत परिस्थितियों से लड़कर जीतने का मंत्र देने वाला आदर्श भी गढ़ा है। सौम्यता और विकास को ही राजनीति की धुरी मानने वाली मुर्मू ने इस उपलब्धि तक पहुंचने की यात्र में कई ऐसे दुखभरे पड़ाव पार किए हैं जो किसी का भी मनोबल तोड़ने के लिए काफी हैं। किंतु वह न थकीं, न रुकीं।

द्रौपदी मुर्मू का दुखों से भरा जीवन

वर्ष 2009 से 2015 के बीच छह वर्ष के अंतराल में पांच स्वजन की मृत्यु की आघात मुर्मू ने झेला। इस दौरान उनके पति, दो पुत्रों, मां व भाई का निधन हुआ। स्वजन के निधन के आघात के बाद वह ब्रह्मकुमारीज से जुड़ीं। 64 वर्षीय मुर्मू ने वर्ष 2016 में एक साक्षात्कार में जीवन के इस अतिकठिन काल के बारे में बताया था कि मुझे नींद नहीं आती थी। अवसाद से ग्रस्त हो गई थी। फिर मैं ब्रह्मकुमारीज से जुड़ी और खुद को टूटने न देने का संकल्प लिया।

ऐतिहासिक जीत में कई रिकार्ड भी

द्रौपदी मुर्मू ने अपनी इस विजययात्र में कई रिकार्ड भी स्थापित किए हैं। वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होने के साथ सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति भी होंगी। मुर्मू स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जन्मीं देश की पहली राष्ट्रपति होंगी। भारत के इतिहास में राष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाली वह दूसरी महिला हैं। प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं।

मुर्मू के गांव समेत देशभर में जीत का जश्न

एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद उनके ओडिशा स्थित पैतृक गांव और देश के बाकी हिस्सों में जश्न का माहौल है। लोग ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के जरिए जीत की खुशियां मनाए। ओडिशा के मयुरभंज जिले में रायरंगपुर कस्बे के मुर्मू के गांव और ससुराल में उनके चाहने वाले लड्‌डू बांटकर खुशी जाहिर किए।

25 को शपथ ग्रहण, भाजपा कार्यालय में जश्न की तैयारी

देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिल गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई की मध्य रात्रि को खत्म हो रहा है। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होगा। भाजपा के दिल्ली हेड ऑफिस में भी जश्न की तैयारी है। इसमें जेपी नड्‌डा भी शामिल होंगे।

देशभर में जीत के बाद जुलूस निकालेगी भाजपा

मुर्मू की जीत के बाद भाजपा दिल्ली में विजय जुलूस निकालेगी। ऐसा पहली बार होगा, जब राष्ट्रपति की जीत के बाद जुलूस निकाला जाएगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा राजपथ तक इस जुलूस की अगुआई करेंगे और भाषण देंगे। जुलूस में मुर्मू शामिल नहीं होंगी।

मुर्मू की जीत से राजनीतिक मैसेज देने की तैयारी

द्रौपदी मुर्मू की जीत की घोषणा होते ही देशभर में जश्न शुरू हो गया। मुर्मू की जीत से BJP आदिवासी समुदाय सहित पूरे देश और खासतौर पर महिलाओं को खास संदेश देना चाहती है, ताकि मुख्य धारा से कटे इस समुदाय में पॉलिटिकल मैसेज जाए कि BJP ही एक ऐसी पार्टी है जो सत्ता के लिए नहीं, बल्कि देश के वंचित तबकों और वर्गों के लिए काम करती है।

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