शर्म की मर्यादा लांघकर द्रौपदी ने ल‌िए ‌थे ये 5 बड़े फैसले, और बन गई नारी सम्मान का प्रतीक

महाभारत में द्रौपदी एक अहम किरदार थी। महाभारत के मुताबिक द्रौपदी राजा द्रुपद की बेटी और पांडवों की पत्नी थी। भगवान कृष्ण उन्हें अपनी बहन मानते थे। हालांकि जहां चीर हरण से पहले द्रौपदी एक आदर्शवादी पत्नी थी वहीं उसके बाद की द्रौपदी में काफी उग्र और नारी सम्मान का प्रतीक बन गई थी।

शर्म की मर्यादा लांघकर द्रौपदी ने ल‌िए ‌थे ये 5 बड़े फैसले, और बन गई नारी सम्मान का प्रतीक

 

पहली महिला जिसने पुरुष को बताया ऋतुकाल के बारे में

कोई भी स्‍त्री अपने ऋतुकाल के बारे में आज भी क‌िसी पुरुष से नहीं कहती है। लेक‌िन द्रौपदी को अपने ऋतुकाल के बारे में कहना पड़ा था। दरअसल, पांडवों द्वारा द्रौपदी को जुए में हार जाने के बाद दुशासन उन्हें बालों से खींचकर राजसभा में ले जाने लगा। ऐसे में द्रौपदी ने दुशासन को कहा क‌ि वह उसने अभी ऋतु स्नान नहीं क‌िया है, इसल‌िए वह सभा में नहीं जा सकती।

 

पहली महिला जो पहुंची चौसर सभा में

दूसरी बार जब पांडवों को चौसर खेलने के लिए बुलाया गया तो द्रौपदी ने शर्म लिहाज को छोड़कर राजसभा में पांडवों के साथ बैठने का निर्णय लिया। दरअसल इसी चौसर की सभा में द्रौपदी को युधिष्ठिर हार गए थे, जिसके कारण उसका भरी सभा में अपमान हुआ था। उन दिनों चौसर की सभा में महिलाएं नहीं आती थी। लेकिन द्रौपदी ने इस प्रथा का अंत किया।

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मांगा था दुशासन की छाती का लहू

चौसर के खेल में युधिष्ठिर द्रौपदी को दांव में हार गए थे। इसके बाद दुशासन ने द्रौपदी के बाल खींचे थे और चीर हरण करने का प्रयास किया था। – हालांकि भगवान कृष्ण के कारण वह इसमें सफल नहीं हो सका था। इसके बाद द्रौपदी ने भरी राज सभा में प्रतिज्ञा ली थी कि वह बाल तब तक खुले रखेगी जब तक इन पर दुशासन की छाती का लहू नहीं मलूंगी।

 

कीचक को रात को बुलाया कक्ष में

अज्ञातवास के समय द्रौपदी राजा विराट की पत्नी की दासी सैरेन्द्री बनकर रह रही थी। उन दिनों विराट नरेश के साले कीचक ने द्रौपदी को देखा तो उस पर मोहित हो गया था। इसकी शिकायत उसने विराट नरेश से भी की थी, लेकिन वह भी चुप रहे। द्रौपदी हिम्मत नहीं हारी और चुपके से भीम और अर्जुन को सब हाल कह डाला। भीम ने द्रौपदी से रात के समय कीचक को अपने कक्ष में बुलाने को कहा। द्रौपदी ने ऐसा ही किया और भीम के हाथों कीचक का वध करवा दिया।

 

मला दुशासन की छाती का लहु

महाभारत युद्ध के दौरान जब भीम ने दुशासन की छाती का लहु लाकर द्रौपदी को दिया। द्रौपदी ने शर्म लिहाज छोड़कर अपनी प्रतिज्ञा पूरी की। और भीम द्वारा लाए गए दुशासन की छाती के लहू से अपने बालों का श्रृंगार किया।

 

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