दौसा: सरपंच पद बना रहे इसलिए तीसरी संतान होने से किया इंकार

3 दिसंबर 2020 को दौसा के नांगल राजावतान ग्राम पंचायत में सरपंच पद का चुनाव हुआ था। इस चुनाव में याचिकाकार सहित कुल 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। मतदान के दिन ही मतगणना के बाद उम्मीदवार ओम प्रकाश मीणा को सर्वाधिक मत मिलने के कारण उन्हें सरपंच पद पर निर्वाचित घोषित किया था।

वहीं इस चुनाव में दूसरे स्थान पर याचिका कर्ता उगन्ती मीणा रहीं थीं, लेकिन निर्वाचन के बाद द्वितीय स्थान पर रही प्रत्याशी उगन्ती देवी ने जिला न्यायालय दौसा में एक चुनाव याचिका दायर की। जिसमें आरोप लगाया कि सरपंच पद पर निर्वाचित हुए ओम प्रकाश मीणा के कुल 3 जीवित संतान है, लेकिन उन्होंने नामांकन फार्म में तीसरी संतान अनुराग के तथ्य को छिपाया है।

उधर, मामला उजागर होने के बाद दौसा जिला न्यायधीश दौसा ने ग्राम पंचायत नांगल राजावातान के सरपंच पद के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया तथा जिला निर्वाचन अधिकारी को पुनः चुनाव कराने के आदेश दिए। तीसरी संतान के तथ्य को छुपाने के मामले में आए इस फैसले से सरपंच ओम प्रकाष मीणा को गहरा झटका लगा है। बता दें कि ओम प्रकाश मीणा की तीसरी संतान अनुराग मीणा का जन्म 10 अक्तूबर 2004 को हुआ था ।

उसके बावजूद भी ओम प्रकाश ने अनुराग संतान को अपने भाई बाबूलाल की संतान होना बता दिया। याचिकाकार ने अपने तथ्यों के समर्थन में आदर्श विद्या मंदिर नांगल राजावतान जिला दौसा के प्रधानाचार्य योगेष चन्द, याची उगन्ती देवी, गीता विद्या मंदिर के अध्यापक गिर्राज व याची के जेठ प्रहलाद के बयान लिपीबद्व कराए और 29 दस्तावेजात प्रस्तुतकर न्यायालय में तर्क दिया कि अनुराग निर्वाचित संरपंच ओमप्रकाश की ही संतान है, जिसके समर्थन में आदर्श विद्या मंदिर नांगल राजावतान में वर्ष 2009 में दाखिले से लेकर 5वीं कक्षा तक पढ़ने के संबंध में आदर्श विद्या मंदिर नागल राजावतना की अंक तालिकाएं व टीसी प्रमाण पत्र बताते हुए तथा उनमें अनुराग के पिता के स्थान पर ओम प्रकाश का नाम तथा माता के स्थान पर पपिता देवी होने का तर्क दिया गया।

यह भी आरोप लगाया कि सरपंच ओम प्रकाश ने भविष्य में चुनाव लड़ने के इरादे से गीता विद्या मंदिर नांगल राजावतान के प्रधानाचार्य से मिलकर व कक्षा 1 से 5 तक घर में पढ़ना बताकर आदर्श विद्या मंदिर नांगल राजावतान के तथ्यों को छुपाते हुए तथा टीसी को छिपाते हुए गीता वि़द्या मंदिर नांगल राजावतान में अनुराग को बाबूलाल का पुत्र होना बताते हुए प्रवेश दिलवा दिया था। उसके बाद दोनों पक्षों को सुनकर न्यायालय द्वारा यह सिद्ध पाया कि अनुराग ओम प्रकाश की तीसरी संतान है, लेकिन ओम प्रकाश सरपंच पद का चुनाव लड़ने के लिए इतना लालायित था कि उसने अपने  बेटे को जन्म देकर अपना बेटा नहीं माना। 

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