एम्स के डॉक्टरों ने लिखा PM मोदी को खत, बोले-एक दिन तो गुजारिए सरकारी अस्पताल में

एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में अपना हाल दर्शाने के लिए कुछ ऐसा लिख दिया है जो चर्चाओं में आ गया है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में पीएम मोदी से अपील की है कि वो एक दिन के लिए उन जैसी जिंदगी जिएं तो उन्हें पता चलेगा कि डॉक्टरों पर किस तरह का दबाव होता है।
 
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने यह कदम तब उठाया जब राजस्थान में कुछ डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए डॉक्टर सैलरी ना बढ़ाए जाने और प्रमोशन ना मिलने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात कर रहे थे।

बता दें कि ऑल राजस्थान इन-‌सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन की हड़ताल पर जाने की मांग के बाद राजस्थान सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तीन महीने के लिए प्रदेश में राजस्थान इसेंशियल सर्विस मेंटेनेंस एक्ट(रेस्मा RESMA) लागू कर दिया है।

क्या ल‌िखा च‌िट्ठी में…

राजस्थान सरकार के इसी कदम के बाद एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने मोदी को चिट्ठी लिखते हुए विनती की है कि वह सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के ऊपर पड़ने वाले प्रेशर को समझें। जिस तरह सरकारी अस्पतालों में खराब इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण मरीजों के परिजन उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं उसे भी समझा जाना चाहिए।
 

एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट हरजीत सिंह भट्टी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, ‘हम खुशनसीब हैं कि हमें आपके जैसा सक्रिय पीएम मिला है, अब एम्स का रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन आपसे विनती करता है कि आप सफेद एप्रन पहने और एक दिन सरकारी डॉक्टर के रूप में बिताएं ताकि आप समझ सकें कि हम कितना ज्यादा प्रेशर संभालते हैं। उन मरीजों का गुस्सा जिन्हें खराब होते हेल्थकेयर सिस्टम और बुरे इंफ्रास्ट्रक्टर की वजह से सही इलाज नहीं मिलता।’

उन्होंने आगे ये भी लिखा कि, ‘अगर आप ऐसा करते हैं तो आपका एक दिन का सरकारी डॉक्टर बनना हेल्थकेयर सिस्टम के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित होगा और इससे लोगों की मेडिकल प्रोफेशन में आस्था बढ़ जाएगी।’

 
 

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