..तो क्या अखिलेश यादव को ताकत का एहसास कराना चाहते हैं सपा के ‘बागी’ शिवपाल

नेपाल में पूजा-पाठ करने के बाद समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नेता शिवपाल यादव वापस मैदान में आ चुके हैं. आज शिवपाल श्रीकृष्ण वाहिनी के सम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं. अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच चल रहे विवाद को देखते हुए सभी की निगाहें इस सम्मेलन पर लगी हुई हैं. चर्चा है कि शिवपाल इस मंच अपनी ताकत का एहसास करा सकते हैं. वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ शर्तों के साथ शिवपाल के मोर्चा को समर्थन देने की बात भी कही है.

जानकारों की मानें तो अप्रैल 2017 में श्रीकृष्ण वाहिनी का एक कार्यक्रम मथुरा में हुआ था. इस कार्यक्रम में शिवपाल यादव भी शामिल हुए थे. अगर वाहिनी के इतिहास पर निगाह डालें तो वाहिनी के यूपी अध्यक्ष विजय यादव बताते हैं कि वाहिनी का अधिकारिक रजिस्ट्रेशन 5-6 महीने पहले ही मथुरा में हुआ है.

इस वाहिनी में सदस्य और पदाधिकारी के रूप में करीब एक लाख लोग जुड़े हुए हैं. सर्वसमाज के लोगों को वाहिनी के साथ जोड़ा गया है. 11 सितम्बर को वाहिनी का राज्य सम्मेलन लखनऊ में होने जा रहा है. सम्मेलन के बारे में विजय यादव ने बताया कि सेक्युलर मोर्चा के नेता शिवपाल यादव सम्मेलन के मुख्य अतिथि होंगे.

विजय यादव ने बताया कि ̔अगर मोर्चा के नेता वाहिनी की कुछ शर्त जैसे युवाओं के लिए रोजगार, युवाओं को आरक्षण और यूपी में कानून-व्यवस्था सुधारने की मांग पर सहमति जताते हैं तो वाहिनी उनको समर्थन दे देगी.̓

वहीं जानकारों की मानें तो विजय यादव शिवपाल यादव के खासे करीबी माने जाते हैं. जब शिवपाल सपा के प्रदेश अध्यक्ष थे तो विजय लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. सूत्रों की मानें तो वाहिनी शिवपाल यादव की सरपरस्ती में ही चलने वाला एक संगठन है.

इस संबंध में जब शिवपाल यादव का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उनके मोर्चा से जुड़े दीपक मिश्र ने बताया कि ̔ श्रीकृष्ण वाहिनी एक सामाजिक संस्था है. शिवपाल यादव ने समाज की बेहतरी के लिए लगातार काम किया है. समाज के लिए काम करने वाले ऐसे तमाम संगठनों का हमे समर्थन प्राप्त हो रहा है. वाहिनी ही नहीं और भी संगठनों का समर्थन हमे मिल चुका है. ̓

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