कांवड़ यात्रा में भूलकर भी न करें ये गलतियां

सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस महीने में भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही कांवड़ यात्रा की शुरुआत होती है। यात्रा के दौरान शिव भक्तों में बेहद खास उत्साह देखने को मिलता है। कांवड़ियां हरिद्वार से गंगाजल लाकर सावन शिवरात्रि पर अपने क्षेत्र के शिव मंदिरों में विराजमान में शिवलिंग का जलाभिषेक कर उपासना करते हैं।

कांवड़ यात्रा के नियम
यात्रा के दौरान कांवड़ को जमीन पर नहीं रखना चाहिए। अगर आपको विश्राम या शौच आदि कार्य के लिए रुकना पड़े, तो कांवड़ को ऊंचे स्थान पर रखें।
इसके अलावा बिना स्नान करे कांवड़ को छूना वर्जित है।
कांवड़ यात्रा के दौरान मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। भक्ति भाव के साथ यात्रा करनी चाहिए।
किसी के प्रति मन से गलत विचार धारण नहीं करने चाहिए।

कब से शुरू हो रहा सावन
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई को पड़ रही है। इसके अगले दिन यानी 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू होगा। साथ ही इसका समापन 19 अगस्त 2024 को होगा।

इस दिन से शुरू होगी कांवड़ यात्रा 2024
पंचांग के अनुसार, इस बार कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से होगी। वहीं, इसका समापन 02 अगस्त 2024 यानी सावन शिवरात्रि के दिन होगा।

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