आईपीआरडी के निदेशक बोले- जनसंपर्क अधिकारियों में निरंतर कौशल वृद्धि और सक्षमता संवर्द्धन बेहद आवश्यक है

पटना: सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के निदेशक वैभव श्रीवास्तव बिहार सरकार ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पारदर्शी और प्रभावी मीडिया समन्वयन सरकारी नीतियों को जनता तक पहुंचाने में मदद करता है।

सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग (IPRD) ने यूनिसेफ के सहयोग से नवनियुक्त जन सम्पर्क अधिकारियों (PROS) के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम-सह-कार्यशाला आयोजित किया। यह एक दिवसीय कार्यशाला नये जन-सम्पर्क अधिकारियों के लिए सशक्त मीडिया प्रबंधन और बेहतर मीडिया समन्वयन आधारित थी, जिसमें सामान्य तथा आकस्मिक सभी परिस्थितियों में जन-सम्पर्क अधिकारी की महती भूमिका पर फोकस किया गया। अनुपम कुमार, सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा संबोधित करते हुए बताया गया कि जन-सम्पर्क पदाधिकारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को बताया कि सरकार के प्रोटोकॉल तथा विभाग की सम्पूर्ण जानकारी उन्हें रखनी चाहिए। प्रेस विज्ञप्ति बनाते वक्त भाषा तथा तथ्यों की स्पष्टता अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने सभी पदाधिकारियों को सलाह दी कि अपने विभाग का बीट देखने वाले मीडियाकर्मियों से सतत समन्वय बनाये एवं विभाग के स्तर पर नियमित रूप से मीडिया इन्टरेक्शन सुनिश्चित करें। क्राइसिस मैनेजमेंट के संदर्भ में एंटीसिपेशन अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि किसी तरह सम्पुष्ट खबरें ही प्रकाशित-प्रसारित हों एवं अफवाह का कोई वातावरण उत्पन्न न हो। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को तकनीकी रूप से अद्यतन रखने के साथ-साथ विभाग एवं राज्य स्तर पर वातावरण से अवगत रहने की सलाह दी। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को अपनी जवाहदेही पर खरा उतरने तथा प्रोऐक्टिव होकर दायित्वों के निर्वहन की भी सलाह दी।

सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार को बखूबी बताया
सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग (IPRD) के निदेशक वैभव श्रीवास्तव बिहार सरकार ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में जन-सम्पर्क अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि पारदर्शी और प्रभावी मीडिया समन्वयन सरकारी नीतियों को जनता तक पहुंचाने में मदद करता है। संयुक्त सचिव बिधुभूषण चौधरी तथा संयुक्त निदेशक, रवि भूषण सहाय भी उपस्थित रहे और उन्होंने मूल्यवान विचार साझा किये। संयक्त निदेशक रवि भूषण ने सूचना जन-सम्पर्क विभाग की सम्पूर्ण कार्यप्रणाली को समझाया, उप निदेशक, लाल बाबू सिंह ने विज्ञापन के जरिए तथा उप निदेशक (संविदा), सुनील कुमार पाठक ने विशेष प्रचार के माध्यम से सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार को बखूबी बताया।

वास्तविक कार्यान्वयन के बीच की खाई को पाटने में मदद की
इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के वरिष्ठ संपादकों तथा संचार विशेषज्ञों ने प्रभावी प्रेस विज्ञप्ति तैयार करने, प्रेस वार्ता आयोजित करने, संकट संचार प्रबंधन और डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जन-सम्पर्क अधिकारियों को प्रायोगिक ज्ञान दिये। यूनिसेफ बिहार की संचार विशेषज्ञ डॉ. पूजा पासी ने कार्यशाला का संचालन किया और सत्रों को संवादात्मक और ज्ञानवर्द्धक बनाया। नवनियुक्त पीआरओ ने प्रशिक्षण के दौरान सक्रिय रूप से भाग लिया, विशेषज्ञों से प्रश्न पूछे और व्यावहारिक अभ्यास किए ताकि वे सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करने के लिए आवश्यक कौशल विकसित कर सकें। इन चर्चाओं ने सैद्धांतिक ज्ञान और वास्तविक कार्यान्वयन के बीच की खाई को पाटने में मदद की।

सरकारी पहलों की व्यापक पहुंच, जागरूकता और जनता का विश्वास बढ़े
कार्यशाला के समापन के अवसर पर आईपीआरडी के निदेशक, वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि पीआरओ की निरंतर कौशल वृद्धि एवं सक्षमता संवर्द्धन बेहद आवश्यक है, जिससे वे सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य बेहतर ढंग से कर सकें। उन्होंने मीडिया सहभागिता को मजबूत करने पर जोर दिया, जिससे सरकारी पहलों की व्यापक पहुंच, जागरूकता और जनता का विश्वास बढ़े। यह पहल पीआरओ को व्यावहारिक ज्ञान और आधुनिक संचार उपकरणों से लैस करते हुए मीडिया के बेहतर प्रयोग तथा उपयोग के लिए सक्षम बनाता है ताकि वे सरकारी नीतियों और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी को प्रभावी रूप से जनता तक पहुंचा सके। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समयबद्ध, पारदर्शी, उत्तरदायित्वपूर्ण तथा सुलभ सूचना सप्रेषण सुनिश्चित करना है, जिससे नागरिकों में जागरूकता और सरकार के प्रति विश्वास बढ़े।

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