बेंगलुरु से कोलकाता लाया गया जिंदा ‘दिल’, झारखंड के मरीज की बची जान

बेंगलुरु में दिमागी रूप से मृत एक युवक के हृदय को हवाई रास्ते से कोलकाता लाकर झारखंड के 39 वर्षीय एक व्यक्ति में सफल प्रतिरोपण किया गया.बेंगलुरु से कोलकाता लाया गया जिंदा 'दिल', झारखंड के मरीज की बची जान

सफल हृदय प्रतिरोपण करने वाले अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 19 मई को घातक दुर्घटना का शिकार होने के बाद बेंगलुरु के अस्पताल में 21 वर्षीय एक युवक को सोमवार दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया, जिसके बाद झारखंड के व्यक्ति को बचाने की कवायद शुरू की गई. 

मृत युवक के अभिभावकों द्वारा उसके अंग दान करने की मंजूरी देने के बाद हृदय प्रतिरोपण करने वाले डॉक्टरों की एक टीम ने दानकर्ता का हृदय उसके शरीर से सुबह करीब सात बजे निकाला. इसके बाद एक ग्रीन कॉरिडोर के रास्ते हृदय को अस्पताल से बेंगलुरु हवाईअड्डे ले जाया गया और वहां से हवाई रास्ते की मदद से कोलकाता भेज दिया गया.     

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कोलकाता यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जैसी ही यह हृदय 10 बजकर 45 मिनट पर नेताजी सुभाष चंद्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा वैसे ही इसे ग्रीन कॉरिडोर की मदद से आनंदपुर के फोर्टिस अस्पताल लाया गया. करीब 18 किलोमीटर की इस दूरी को केवल 22 मिनट में पूरा कर लिया गया.   

अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने दो घंटे तक हृदय रोग से पीड़ित मरीज का ऑपरेशन किया और यह हृदय प्रतिरोपण सफल रहा. मरीज की प्रतिरोपण सर्जरी करनेवाले डॉक्टरों की टीम के एक डॉक्टर ने बताया कि मरीज अगले 24 से 48 घंटे तक निगरानी में है और अब उसकी स्थिति स्थिर है. 

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