आज से दिखेगा 8 का दम, पाकिस्तान से लेकर दुबई तक जमेगा क्रिकेट का रंग

पाकिस्तान तथा न्यूजीलैंड के बीच कराची में बुधवार को उद्घाटन मैच के साथ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत हो जाएगी। आठ साल बाद हो रहे इस टूर्नामेंट में विश्व क्रिकेट की शीर्ष आठ टीमें ट्रॉफी के लिए जोर लगाएंगी।

अगले तीन सप्ताह तक चलने वाले टूर्नामेंट में रोमांच की पराकाष्ठा देखने को मिलेगी। विश्व कप के समान कठिन माने जाने वाले इस टूर्नामेंट में सभी टीमें क्रिकेट इतिहास का सुनहरा अध्याय लिखने की कोशिश में होंगी। पाकिस्तान की मेजबानी में हो रही चैंपियंस ट्रॉफी हाइब्रिड मॉडल पर आयोजित हो रही है, जिसके मैच रावलपिंडी, कराची और लाहौर के साथ दुबई में आयोजित किए जाएंगे।

तीन दशक की के बाद आईसीसी इवेंट
1996 विश्व कप की सहमेजबानी करने के बाद पहली बार पाकिस्तान किसी आईसीसी प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के लिए इस टूर्नामेंट का आयोजन काफी मुश्किल भरा रहा। वनडे क्रिकेट की प्रासंगिकता पर चल रही बहस के बीच टूर्नामेंट की महत्ता को स्थापित करना भी एक चुनौती था। टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता और टेस्ट प्रारूप के लिए प्रतिबद्धता की जद्दोजहद में कहीं न कहीं इसके लिए जगह बनाना विकट था।

शायद ही किसी क्रिकेट आयोजन में इतना भू राजनीतिक तनाव, दो अहम प्रतिभागियों के दो प्रशासनिक बोर्ड की जिद और मेजबान स्टेडियमों की तैयारियों को लेकर आशंकाएं देखने को मिली। इससे नब्बे के दशक की यादें ताजा हो गई जब उपमहाद्वीप में क्रिकेट का आयोजन आनन फानन में की गई किसी पार्टी की तरह लगता था। लेकिन एक बार जब पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के कप्तान पहले मैच के टॉस के लिए उतरेंगे तो मैदान से बाहर ये सारी बातें हाशिये पर चली जाएंगी।

पाकिस्तान ने पिछली बार 2017 में खिताब जीता था। पहले मैच में पाकिस्तान की प्रतिभाशाली टीम न्यूजीलैंड से खेलेगी, जबकि 23 फरवरी को भारत और पाकिस्तान का मैच है जिसे हमेशा टूर्नामेंट का ‘ब्लॉकबस्टर’ माना जाता है । इसमें सरहद के आर पार जज्बात उमड़ेंगे, यादों की परतें खोली जाएंगी और इंटरनेट मीडिया किसी अखाड़े से कम नहीं दिखेगा।

भारतीय टीम के लिए बहुत कुछ होगा दांव पर
भारत के लिए इस टूर्नामेंट में काफी कुछ दांव पर होगा। आधुनिक क्रिकेट के दो दिग्गज रोहित शर्मा और विराट कोहली करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं और जीत के साथ वह यहां से विदा लेना चाहेंगे। भारतीय वनडे टीम में चैंपियंस ट्रॉफी के बाद रोहित और कोहली की जगह नहीं दिखती। यहां खराब खेलने पर टेस्ट क्रिकेट में भी उनके भविष्य पर असर पड़ सकता है । वहीं चैंपियंस ट्रॉफी में विफलता की गाज कोच गौतम गंभीर पर भी गिर सकती है।

इंग्लैंड के विरुद्ध घरेलू सीरीज में अच्छे प्रदर्शन से गंभीर को तात्कालिक राहत भले ही मिल गई हो, लेकिन न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार को इतनी जल्दी भुलाया नहीं जा सकता। ऐसे में आईसीसी ट्रॉफी उनके लिए बड़ा सहारा बन सकती है। भारतीय टीम ने भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद कोई वनडे खिताब नहीं जीता है। भारतीय टीम खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगी लेकिन एक सत्र या एक पल का खराब प्रदर्शन सारे समीकरण बिगाड़ सकता है। जैसा 2023 विश्व कप फाइनल में हुआ जब पूरे टूर्नामेंट में उम्दा प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम आखिर में दबाव में आ गई।

ये भी होंगे प्रबल दावेदार
ऑस्ट्रेलिया: 2006 और 2009 में खिताब जीत चुकी ऑस्ट्रेलिया भले ही नियमित कप्तान पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, मार्कस स्टोइनिस के बगैर खेल रही हो, लेकिन उसे कमतर नहीं आंका जा सकता। टीम की कप्तानी अनुभवी स्टीव स्मिथ करेंगे, जिन्हें बड़े टूर्नामेंट में टीम को आगे ले जाने का अनुभव है।

इंग्लैंड: इंग्लिश टीम के कुछ प्रमुख खिलाडि़यों पर बढ़ती उम्र और खराब फार्म हावी है, लेकिन जोस बटलर, जो रूट और लियाम लिविंगस्टोन से एक अंतिम बार उसी चिर परिचित प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है या हैरी ब्रूक और बेन डकेट जैसे युवा खिलाड़ी नया रास्ता बना सकते हैं ।

न्यूजीलैंड: 2000 की चैंपियन कीवी टीम भी ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी के संन्यास के बाद नए खिलाड़ियों के साथ उतरी है। केन विलियमसन ट्रंपकार्ड हैं और उम्मीद है कि वह न्यूजीलैंड को पहला आईसीसी खिताब दिला सकेंगे। टीम में चोटिल लॉकी फर्ग्यूसन की जगह काइल जैमिसन को जगह दी गई है।

साउथ अफ्रीका: साउथ अफ्रीकी टीम ने 1998 में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी जीती, लेकिन हाल ही में कोई खिताब नहीं जीत पाई और इस कमी को पूरा करना चाहेगी। साउथ अफ्रीकी टीम टी-20 विश्व कप के फाइनल में पहुंची थीं और यहां वह आइसीसी ट्रॉफी की कसक को पूरा करने उतरेगी।

पाकिस्तान: पाकिस्तान अगर भारत के विरुद्ध मैच को लेकर जज्बाती होने से उबर जाए और उसे ही आखिरी किला नहीं माने तो यह टीम खतरनाक साबित हो सकता है। पाकिस्तान के पास अव्वल दर्जे का तेज आक्रमण और फखर जमां तथा सलमान अली आगा जैसे धाकड़ बल्लेबाज हैं ।

अफगानिस्तान: अफगानिस्तान टीम की जीत को अब उलटफेर नहीं माना जाता है। राशिद खान आईसीसी वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेटर रहे अजमतुल्लाह उमरजई और रहमानुल्लाह गुरबाज जैसे मैच विनर उसके पास हैं।

बांग्लादेश: बांग्लादेश की टीम लगातार इस टूर्नामेंट का हिस्सा रही है और दूसरी ओर बांग्लादेश 2007 वनडे विश्व कप में उलटफेर कर चुका है और उसे दोहराना चाहेगा।

ग्रुप ए- भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, न्यूजीलैंड
ग्रुप बी- इंग्लैंड, अफगानिस्तान, आस्ट्रेलिया,साउथ अफ्रीका

अब तक के चैंपियन
1998- दक्षिण अफ्रीका

2000- न्यूजीलैंड

2002- भारत, श्रीलंका

2004- वेस्टइंडीज

2006- ऑस्ट्रेलिया

2009- आस्ट्रेलिया

2013- भारत

2017- पाकिस्तान

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