DIG भुल्लर रिश्वत कांड: शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट से मांगी सुरक्षा

पंजाब: पुलिस के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर के खिलाफ रिश्वत मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले अकाश बत्ता ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बत्ता ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्हें और उनके परिवार को डीआईजी भुल्लर और उनके सहयोगियों से गंभीर जान का खतरा है। उन्होंने अदालत से अपने और परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

हाई कोर्ट के जस्टिस अमन चौधरी ने सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार और सीबीआई को निर्देश दिया कि वे याचिकाकर्ता की सुरक्षा को खतरे का आकलन करें और यदि आवश्यक हो तो कानून के अनुसार सुरक्षा मुहैया कराई जाए। बत्ता ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें आशंका है कि पंजाब पुलिस, भुल्लर के प्रभाव में आकर उन्हें या उनके परिवार को किसी झूठे मामले में फंसा सकती है या किसी एक्सीडेंट के बहाने उनकी हत्या भी की जा सकती है ताकि सबूत मिटा दिए जाएं। उन्होंने कहा कि वह इस केस के मुख्य शिकायतकर्ता हैं, इसलिए उन पर दबाव डाला जा सकता है।याचिका में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से सुरक्षा मुहैया कराने की गुहार लगाई है।

याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता और उसके परिवार में पत्नी और तीन नाबालिग बच्चे शामिल हैं, जिन्हें डीआईजी और उनके निजी लोगों से लगातार खतरा है। किसी भी समय उनके साथ कोई अप्रिय घटना हो सकती है।

वीरवार को सीबीआई ने डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को एक निजी व्यक्ति के साथ रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी भुल्लर वर्तमान में रूपनगर (रोपड़) रेंज के डीआईजी के पद पर तैनात हैं और उन्हें सीबीआई ने उनके चंडीगढ़ स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया है। सीबीआई की टीम ने शिकायतकर्ता अकाश बत्ता द्वारा दी गई लिखित शिकायत के आधार पर जाल बिछाकर यह कार्रवाई की है।

शिकायत में कहा गया था कि डीआईजी भुल्लर ने एक बिचौलिए के ज़रिए आठ लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, ताकि 2023 में सिरहिंद थाने में बत्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर सुलझाई जा सके और उनके स्क्रैप कारोबार पर कोई और पुलिस कार्रवाई न हो। सीबीआई ने गिरफ्तारी के बाद डीआईजी भुल्लर के कई ठिकानों पर छापेमारी कर बड़ी मात्रा में नकदी, करीब डेढ़ किलो सोना-चांदी के आभूषण, और कई कीमती संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज बरामद किए हैं।

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