धनतेरस पर 46 साल बाद आ रहा है ऐसा योग, जो आपको बना देना अपार धन का मालिक

46 साल बाद धनतेरस पर कलानिधि योग बन रहा है। तीन योग एक साथ होने पर कलानिधि योग बनता है। इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र प्रदोष होने से समय ग्रह स्थिति में वृषभ लग्न से पंचम में शुक्र, मंगल एवं चंद्रमा की युति से धन लक्ष्मी योग, श्री वृद्धि योग एवं श्री वत्स योग एक साथ पड़ रहे हैं।धनतेरस

मान्यता है कि इस दिन प्रदोष काल में की गई पूजा अर्चना से धन वैभव में वृद्धि होती है। वहीं, दीपावली के छह दिन पूर्व 13 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र 23 घंटे तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र 13 अक्टूबर को सुबह 10.54 से प्रारंभ होकर 14 अक्टूबर शनिवार को सुबह 9.29 बजे तक रहेगा। इस दौरान सोना, चांदी के साथ ही स्थायी संपत्ति में निवेश करना भी लाभदायक होगा।

17 अक्टूबर मंगलवार को धनतेरस प्रदोष बेला के साथ है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक ऐसा संयोग 46 साल बाद बन रहा है। इस योग में महालक्ष्मी पूजन से धन धान्य में वृद्धि के साथ ही सुख समृद्धि भी प्राप्त होती है।

धनतेरस पर आरोग्य के देवता धन्वंतरि का जन्म भी समुद्र मंथन से हुआ था। ये आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं। धनतेरस पर पूजा का मुहूर्त शाम 6.04 बजे से लेकर 8.28 बजे तक रहेगा। इस दिन तेरस सूर्य उदय से रात्रि 11.29 बजे तक रहेगी।

नहीं होता अकाल मृत्यु का भय

धनतेरस पर यमराज के निमित्त दीपदान करने से परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता है। इस दिन भगवान कुबेर के साथ महालक्ष्मी का भी पूजन पूरे विधि-विधान से किया जाता है।

इन चीजों को खरीदना है शुभ

धनतेरस के दिन गणेश लक्ष्मी की मूर्ति, धातु के बर्तन (स्टील के नहीं), सोना-चांदी, स्फाटिक का श्रीयंत्र, झाडू, कपड़े, नमक, कोदी शंख, धमिया खंडा, इलेक्ट्रॉनिक सामान, मिट्टी के दीपक, गोमती चक्र, कुबेर की फोटो, सात मुखी रुद्राक्ष को खरीदना शुभ माना जाता है। खरीददारी के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11.02 बजे से 12.23 बजे तक (लाभ), दोपहर 12.28 बजे से 1.54 बजे तक (अमृत) एवं प्रदोष बेला में शाम 6 बजे से 6.15 बजे तक है।

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