ड्रोन चलाने वाले लोगों के लिए डीजीसीए ने बनाए कड़े नियम…

यदि आप ड्रोन चलाने की इच्छा रखते हैं तो जरा संभल जाइये क्योंकि अब इसे चलाने के लिए आपको लाइसेंस लेना पड़ेगा। केवल इतना ही नहीं आपको इसके लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी लेने के साथ ही औपचारिक प्रशिक्षण भी लेना होगा। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ड्रोन विमानों के लिए कड़े और खास नियम बनाए हैं। इस नियमों के जरिए रीमोटली पायलेटिड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) पर नजर रखी जाएगी।ड्रोन चलाने वाले लोगों के लिए डीजीसीए ने बनाए कड़े नियम...
2 किलो से ज्यादा का ड्रोन चलाने वाले लोगों को लाइसेंस लेने के लिए 25,000 रुपये देने होंगे। वहीं अपने लाइसेंस को रीन्यू करवाने के लिए 10,000 रुपये चुकाने पड़ेंगे। इन ड्रोन को चलाने वाले शख्स को डीजीसीए से मान्यता प्राप्त उड़ान प्रशिक्षण संगठन से औपचारिक प्रशिक्षण लेना होगा। डीजीसीए ने यह नियम देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाए हैं। 

सुरक्षा एजेंसियों से इतर ड्रोन चलाने वाले लोगों को सबसे पहले यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईएन) लेना होगा। डीजीसीए ने आरपीएएस को पांच श्रेणियों में बांटा है। नैनो- 250 ग्राम (जिसका ज्यादातर इस्तेमाल खिलौने के तौर पर होता है), माइक्रो- 250 से 2 किलो, स्मॉल- 2 से 25 किलो, मीडियम- 25 से 150 किलो और लार्ज- 150 किलो से ऊपर के आधार पर बांटा गया है। 

डीजीसीए के मुखिया बीएस भुल्लर ने कहा, ‘आयातित आरपीएएस के लिए डीजीसीए से इंपोर्ट क्लीयरेंस और विदेश व्यापार महानिदेशालय से इंपोर्ट लाइसेंस लेने की जरुरत है इसके बाद यूआईएन के लिए आवेदन करना होगा। जो लोग इन ड्रोन को चलाना चाहते हैं उनकी उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए। उन्हें 10वीं में अंग्रेजी विषय में पास होना जरूरी है या फिर उसे केंद्रीय गृहमंत्रालय से सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेना होगा या फिर तीन में से दो पहचान पत्रों (पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड) की प्रति को स्वप्रमाणित करके देना होगा।’

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