धनु राशि में गोचरीय संचरण कर रहे देव गुरु बृहस्पति, इन राशियों को मिलेगा सूर्य सा तेज..
सूर्यदेव अपने स्वाभाविक संचरण के क्रम में लगभग एक माह तक एक राशि में रह कर अपना प्रभाव स्थापित करते हैं। वर्तमान में यह देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु में गोचरीय संचरण कर रहे हैं । जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु अथवा मीन में गोचर करते हैं। तो वह स्थिति खरमास कहलाती है। इसमें किसी भी शुभ कार्यों विवाह आदि के लिए शुभ मुहूर्तों का अभाव हो जाता है । परंतु जब यह राशि में परिवर्तन करके मकर राशि में अथवा मेष राशि में प्रवेश करते हैं । तो खरमास का समापन हो जाता है। तथा विवाह आदि शुभ कार्यो के लिए शुभ मुहूर्त आरंभ हो जाते हैं। 14 जनवरी की रात के बाद जब सूर्य देव अपने पुत्र शनिदेव की राशि मकर में प्रवेश करेंगे तो खरमास का समापन होने के साथ-साथ इनकी उत्तरायण यात्रा भी आ जाएगी। जब सूर्य देव की मकर राशि की संक्रांति होती है। तो उस तिथि को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
कन्या :- व्ययेश होकर पंचम भाव में।
* अध्ययन अध्यापन में अवरोध बढ़ेगा
* आय के साधनों में अचानक वृद्धि संभव
* संतान पर खर्च की स्थिति बढ़ेगी
* पिता के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी सी चिंता बढ़ेगी
* मन में विचलन तथा कार्यों को लेकर चिंता बढ़ेगा
* पराक्रम एवं सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगा
उपाय :- रविवार के दिन तांबे का टुकड़ा जल में प्रवाहित करें।
तुला :- लाभेश होकर सुख भाव में।
* लाभ एवं आय के संसाधनों में वृद्धि होगा
*कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट से जुड़े लोगों को लाभ
* वाहन के क्षेत्र से लाभ की स्थिति बनेगी
* सीने की तकलीफ एवं घबराहट में वृद्धि
* सरकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ बढ़ेगा
* पिता के सहयोग सानिध्य में वृद्धि होगा
उपाय :- पिता का आशीर्वाद लेकर कार्य करें।
वृश्चिक :- दशमेश होकर पराक्रम भाव में।
* सामाजिक प्रतिष्ठा एवं पराक्रम में वृद्धि
* भाई बंधुओं मित्रों के सहयोग सानिध्य में वृद्धि
* राजनीतिक वर्चस्व में सकारात्मक प्रगति
* कार्यों के साथ भाग्य का साथ प्राप्त होगा
* क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ में वृद्धि
* कार्यक्षमता में वृद्धि से मन प्रसन्न रहेगा
* आर्थिक विस्तार के लिए शुभ अवसर प्राप्त होगा
उपाय :- कुंडली के अनुसार माणिक रत्न धारण करें।
★धनु :- भाग्येश होकर धन भाव में।
* आय एवं धन में वृद्धि होगा
* पारिवारिक कार्यों को लेकर के मन में प्रसन्नता
*आँख,पेट और पैर की समस्या के प्रति सतर्क रहें
* वाणी व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ
* व्यापारिक विस्तार में भाग्य का साथ प्राप्त होगा
* पिता का सहयोग एवं आशीर्वाद प्राप्त होगा
उपाय :- मूल कुंडली के अनुसार माणिक रत्न धारण करें।
मकर :- अष्टमेश होकर लग्न भाव में।
* स्वास्थ्य के कारण मानसिक चिंता में वृद्धि
* उच्च अधिकारियों से विवाद या तनाव संभव
* दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में टकराव
* पारिवारिक उलझनों में वृद्धि संभव
* साझेदारी के कार्यों के प्रति सावधान रहें
* दैनिक आय में परिवर्तन या अवरोध संभव
उपाय :- रविवार के दिन ताबे का टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करें एवं सूर्य देव को जल अर्पित करें।
कुम्भ :- सप्तमेश होकर व्यय भाव में।
* नियमित आय में व्यवधान अथवा तनाव
* दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में तनाव
* आंखों की समस्या के प्रति सावधान रहें
* प्रतियोगिता एवं शत्रुओं पर विजय की स्थिति
* जीवन साथी के स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ेगा
* पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ेगी
उपाय :- सूर्य देव को नियमित जल देते रहें।मीन :- रोगेश होकर लाभ भाव में।
* लाभ एवं आय के संसाधनों में वृद्धि
* शत्रुओं पर विजय की स्थिति बनेगी
*अध्ययन अध्यापन में अवरोध की स्थिति होगी
* संतान के पक्ष से तनाव की स्थिति बनेगी
* पराक्रम एवं सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि
* पैतृक संपत्ति को लेकर के विवाद खत्म होगा
उपाय :- बहते जल में रविवार के दिन ताबे का टुकड़ा प्रवाहित करें। सूर्य देव को नियमित जल देते रहें।