गाजा में युद्धविराम की कोशिश से अलग हुआ कतर
कतर ने गाजा में युद्धविराम के प्रयासों से खुद को अलग कर लिया है, साथ ही फलस्तीनी संगठन हमास को दोहा का कार्यालय बंद करने को कहा है। कतर ने ऐसा गाजा में इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए हमास के तैयार न होने और युद्धविराम की वार्ता में अडि़यल रुख दिखाने के कारण किया है। हमास अधिकारियों को 2012 से कतर में गतिविधियों की अनुमति मिली हुई है।
कतर अमेरिका और मिस्त्र के साथ मिलकर युद्धविराम की कोशिश में लगा था
कतर ने यह कड़ा रुख अमेरिका के इशारे पर प्रदर्शित किया है। गाजा में इजरायली हमले शुरू होने के कुछ हफ्ते बाद से कतर अमेरिका और मिस्त्र के साथ मिलकर युद्धविराम की कोशिश में लगा था। नवंबर 2023 में गाजा में सात दिनों का युद्धविराम हुआ और एक सौ से ज्यादा बंधकों की रिहाई भी हुई लेकिन स्थायी रूप से लड़ाई नहीं रुकी।
इस बीच हमास बाकी बचे करीब एक सौ बंधकों की रिहाई के लिए तैयार नहीं हुआ। कतर की राजधानी दोहा में वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बंधकों की रिहाई के प्रस्ताव को लगातार नकारने के कारण हमास के अधिकारियों से देश छोड़ने के लिए कह दिया गया है। लेकिन अभी हमास अधिकारियों को कतर छोड़ने के लिए अंतिम तारीख नहीं दी गई है।
जो बाइडन गाजा में युद्ध खत्म करवाना चाहते हैं
सूत्रों के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कार्यकाल खत्म होने से पहले गाजा में युद्ध खत्म करवाना चाहते हैं जिससे भविष्य में उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी को लाभ मिले। इस बीच शनिवार को भी लेबनान पर इजरायल के हमले जारी रहे। तटवर्ती टीयर शहर में हुए हमले में दो बच्चों समेत सात लोग मारे गए और 46 घायल हुए हैं।
पहले हमास ने किया था इजरायल पर हमला
हमास के आतंकवादियों ने पिछले साल 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल के एक हिस्से में हमला किया और वहां मौजूद महिला, बच्चों और बूढ़ों को मौत के घाट उतार दिया। कुछ ऐसी घटनाएं देखी गई कि हमास के आतंकियों ने पूरे परिवार को ही जिंदा जला दिया था। रिपोर्ट की मानें तो इस हमले में हमास ने 1,200 से ज्यादा इजरायलियों की हत्या की थी और 250 लोगों को बंधक बनाकर गाजा पट्टी ले गए थे।
इसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर कहा था हमास के खत्म होने तक यह युद्ध नहीं रुकेगा, चाहे इसकी कुछ भी कीमत हो और अपनी प्रतिज्ञा के मुताबिक इजरायल ने हमास के हर ठिकाने को ध्वस्त करने कर दिया, हर बड़ा कमांडर मारा गया। लेकिन हमास की करनी का फल गाजा पट्टी में रहने वाले लोग भी झेल रहे हैं।