बड़ीखबर : भाजपा-कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने को बेताब क्षेत्रीय दल ने शुरू की तैयारियां

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जिन दलों को छोटा माना जाता है, वे इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देने के लिए बेताब हैं। दोनों राष्ट्रीय दलों को पूरी 90 सीटों पर कड़ी टक्कर देने के लिए शिवसेना, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) खुद को संगठनात्मक रूप से मजबूत करने के साथ अभी से चुनावी मुद्दे तय करने में लग गए हैं।बड़ीखबर : भाजपा-कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने को बेताब क्षेत्रीय दल ने शुरू की तैयारियां

समाजवादी पार्टी (सपा) 40 से 45 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही तो आदिवासी और खदान क्षेत्रों में सक्रिय कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआइ) की निगाह परंपरागत सीटों पर कब्जा जमाए रखने पर है। तीन दल बसपा, जदयू और सपा के हाईकमान इस बार छत्तीसगढ़ को लेकर इतने गंभीर हैं कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष भी बदल दिए हैं।

जदयू का शरद गुट अलग-थलग, 90 सीटों पर लड़ेगा नीतीश गुट

शरद यादव और नीतीश कुमार में अलगाव के बाद छत्तीसगढ़ में जदयू के नेता दो फाड़ हो गए हैं। पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे मनमोहन अग्रवाल जो अब शरद गुट में हैं। शरद खुद अलग-थलग पड़ गए हैं, इसलिए उनके गुट के लोग यहां चुनाव लड़ने को लेकर उहापोह में हैं। नीतीश कुमार गुट के प्रदेश अध्यक्ष मातामणी तिवारी का दावा है कि पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न अधिकारिक तौर पर उन्हीं के पास है। नीतीश गुट ने 42 सदस्यीय कोर कमेटी और 27 में 20 जिलों में कमेटी गठित की है। प्रदेश प्रभारी रविंद्र प्रसाद सिंह के साथ प्रदेश अध्यक्ष तिवारी का लगातार प्रदेश दौरा चल रहा है, ताकि पहली बार पूरी 90 सीटों पर लड़ा जा सके। अप्रैल में नीतीश कुमार को यहां बुलाने की कवायद भी चल रही है।

संगठन और सदस्य बनाने में जुटी सपा

चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी ने दो माह पहले ही प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया। अब पार्टी की कमान कोरबा के तनवीर अहमद के पास है। उनका कहना है कि पार्टी के संगठनात्मक रूप से कमजोर होने के कारण बूथ स्तर तक संगठन की मजबूती और सदस्य बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। पार्टी 40-45 सीटों पर प्रत्याशी उतारती रही है, इस बार भी यही तैयारी है।
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