दिल्ली की हवा साल भर रहती है प्रदूषित, विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी

दिल्ली की हवा में अभी भी जहर घुला हुआ है। इसी हवा में लोग सांस लेने को मजबूर हैं। यही स्थिति राजधानी में साल भर देखने को मिलती है। कई तरह की पहल के बाद भी समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है।
स्विट्जरलैंड की वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी आईक्यूएयर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में 13 भारत के हैं। दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी है।
अलग-अलग अध्ययन बताते हैं कि राजधानी की आबोहवा को प्रदूषित करने के लिए सड़कों पर दौड़ने वाले वाहन मुख्य कारक हैं। इनसे कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें निकलती हैं जो हवा को प्रदूषित करती हैं। दिल्ली में प्रदूषण फैलाने में सबसे बड़ा योगदान हवा का भी है।
प्रदूषण की सूची में भारत की स्थिति
भारत अब दुनिया का पांचवां सबसे प्रदूषित देश बन गया है, जबकि 2023 में यह तीसरे स्थान पर था
2024 में भारत में पीएम 2.5 का औसत स्तर 50.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो 2023 के 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 7% कम है
हालांकि, दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 6 भारत में ही हैं
35% भारतीय शहरों में पीएम 2.5 का स्तर डब्ल्यूएचओ की सीमा से 10 गुना अधिक पाया गया
वहीं देश के 13 सबसे प्रदूषित शहरों की बात करें तो, इसमें असम का एक शहर, पंजाब का एक शहर, राजधानी दिल्ली के दो शहर, हरियाणा के दो शहर, राजस्थान के तीन शहर और उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा चार शहर शामिल हैं।
प्रदूषण से सेहत को बड़ा खतरा
पीएम 2.5 के अत्यधिक स्तर से सांस संबंधी बीमारियां, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। वहीं लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ स्टडी के अनुसार, 2009 से 2019 के बीच हर साल भारत में करीब 15 लाख मौतें लंबी समय तक पीएम 2.5 प्रदूषण के संपर्क में रहने से हुईं। जबकि, वायु प्रदूषण के कारण भारत में औसत जीवन प्रत्याशा 5.2 साल घट रही है। वहीं डब्ल्यूएचओ की पूर्व वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहकार सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार, भारत ने वायु गुणवत्ता डेटा जुटाने में प्रगति की है, लेकिन ठोस कार्रवाई की जरूरत है।