दिल्ली : लिवर कैंसर की पहचान सरल बनाएगा एआई

लिवर कैंसर की पहचान जल्द ही सरल व सुलभ हो सकेगी। इसकी पकड़ के लिए दिल्ली सरकार का यकृत और पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) फ्रांस के साथ मिलकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक विकसित कर रहा है। यह तकनीक कैंसर के साथ लिवर से जुड़े दूसरे रोगों की पहचान कर उसके सटीक इलाज का रास्ता भी बताएगा। मौजूदा समय में सीटी स्कैन व पैथोलॉजी रिपोर्ट के आधार पर लिवर से जुड़े रोगों की पहचान होती है। एआई तकनीक को सुरक्षित व प्रभावी बनाने के लिए आईएलबीएस में हुए अध्ययनों का भी सहारा लिया जा रहा है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि मौजूदा समय में सीटी स्कैन व पैथोलॉजी रिपोर्ट के अध्ययन के बाद भी मूल रोग की पहचान में कई बार देरी हो जाती है। ऐसा होने से मरीज का इलाज जटिल हो जाता है। लाखों रिपोर्ट की मदद से विकसित एआई इस कमी को दूर करेगा। साथ ही एआई तकनीक विकसित होने के बाद इलाज के लिए एक प्रोटोकॉल भी तैयार होगा। इसकी मदद से दूरदराज क्षेत्रों में विशेषज्ञों के अभाव में स्वास्थ्य कर्मी भी रोग का सटीक आकलन कर मरीज को आगे के इलाज के लिए रेफर कर सकेंगे।

संस्थान के आणविक और कोशिकीय चिकित्सा विभाग में प्रभारी संकाय व प्रोफेसर डॉ. निरुपमा त्रेहनपति ने कहा कि मौजूदा समय में डॉक्टर अपने अनुभव के आधार पर रिपोर्ट को देखकर रोग का आकलन कर रहे हैं। इसमें कई बार देरी हो जाती है, जबकि एआई तकनीक उसी पहचान को आसान व जल्द कर देगी। इसमें मरीज की रिपोर्ट फीड करने पर एआई पहले से अपलोड डेटा के आधार पर आकलन करेगा। ऐसा होने पर मरीज को अधिक जांच करवाने की जरूरत भी नहीं रहेगी।

तेजी से बढ़ रहे हैं मामले
डॉक्टरों का कहना है कि खराब जीवनशैली के कारण देश में तेजी से लिवर से जुड़े रोग बढ़ रहे हैं। इनमें से अधिकतर मरीजों में लंबे अंतराल के बाद कैंसर विकसित हो रहा है। ऐसा देखा गया है कि लक्षण न दिखने के कारण मरीज एडवांस स्टेज में अस्पताल पहुंचते हैं। इस कारण इलाज जटिल हो जाता है।

10 साल में कैंसर बन सकता है फैटी लिवर
डॉक्टरों का कहना है कि फैटी लिवर की समस्या सामान्य लोगों में आम हो गई है। चिकित्सा साहित्य बताते हैं कि यदि चार-पांच साल तक जीवन शैली में सुधार नहीं करते तो यह आगे चलकर सिरोसिस में बदल जाता है। इसके बाद भी लापरवाही की जाती है तो यह आठ से 10 साल में कैंसर का रूप ले सकता है।

शुरुआती दौर में नहीं दिखते लक्षण
डॉक्टरों का कहना है कि अक्सर लिवर से जुड़े रोग में शुरुआती चरण में लक्षण दिखाई नहीं देते। यहीं कारण है कि परेशानी बढ़ने के बाद जब मरीज अस्पताल पहुंचता है तो दिक्कत गंभीर हो जाती है।

इनमें जल्द गंभीर होता है रोग
शराब का सेवन करने वाले
सिरोसिस के मरीज
मधुमेह
दिल के मरीज

दूर हो सकती है समस्या
डॉक्टरों का कहना है कि जीवन शैली को सुधार कर फैटी लिवर की समस्या को दूर किया जा सकता है। यह पतले लोगों में भी हो सकता है। ऐसे लोगों को जीवन शैली में सुधार के साथ शारीरिक व्यायाम करना चाहिए।

लक्षण
पेट के उपरी हिस्से में दर्द
पेट का सूजन
वजन कमी
पेट में शिशुलिका
जी मचलाना या उल्टी

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