दिल्ली को मिलेंगे 1,168 करोड़, दो करोड़ सिख दंगा पीड़ितों को और आपदा प्रबंधन के लिए 15 करोड़

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए दिल्ली को 1168.01 करोड़ रुपये का बजट दिया है। इसमें 951 करोड़ रुपये केंद्रशासित प्रदेश को केंद्रीय सहायता और 200 करोड़ रुपये चंद्रावल जल शोधन संयंत्र के निर्माण के लिए मिलेंगे। पिछले वित्तीय वर्ष में भी केंद्र ने इतनी ही राशि का आवंटन किया था।

बजटीय आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली को दो करोड़ रुपये सिख दंगा पीड़ितों व आपदा प्रबंधन फंड में 15 करोड़ रुपये मिलेंगे। दोनों मदों का आवंटन पिछले वित्तीय वर्ष की तरह ही है। वहीं, पिछले साल की तरह इस बार भी केंद्र शासित राज्य को केंद्रीय सहायता के 951 करोड़ रुपये मिले हैं। इसमें केंद्रीय करों में भागीदारी के तौर पर 325 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है, जबकि 2022-23 तक इस मद में अलग से रकम आवंटित होती थी। दूसरी तरफ अतिरिक्त केंद्रीय सहायता के रूप में 200 करोड़ की राशि मिली है। यह पूंजीगत खर्च है। इससे चंद्रावल जल शोधन का निर्माण होगा। 

760 करोड़ रुपये की कटौती दिल्ली पुलिस के बजट में
सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली देश की सबसे स्मार्ट पुलिस फोर्स दिल्ली पुलिस का बजट इस बार कम कर दिया गया है। 2024-25 के बजट में पुलिस के लिए 11180.33 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 760 करोड़ रुपये कम है। वर्ष 2023-24 में दिल्ली पुलिस को 111940.33 करोड़ रुपये दिए गए थे। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में दिल्ली पुलिस को 11,527.29 करोड़ रुपये दिए गए थे।

दिल्लीवालों के लिए धोखे वाला बजट : आतिशी
आम आदमी पार्टी ने केंद्रीय बजट को दिल्लीवालों के लिए धोखे और उम्मीदों पर पानी फेरने वाला करार दिया है। प्रेसवार्ता में दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने दावा किया कि बजट में दिल्ली को एक भी पैसा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार को 2.32 लाख करोड़ रुपये टैक्स दिया था, लेकिन इसके बावजूद बजट में कुछ नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा कि दिल्लीवालों ने अपने इनकम टैक्स का मात्र 5-5 फीसदी दिल्ली के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए मांगा था। करों में हिस्सेदारी के रूप में बाकी राज्यों को 1.24 लाख करोड़ रुपये का आवंटन मिला। केंद्रीय बजट में राज्यों की लोकल बॉडीज के लिए 82,207 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया, लेकिन दिल्ली को निराशा मिली और एमसीडी को भी एक पैसा नहीं दिया गया। टैक्स का 5 फीसदी एमसीडी को मिलना चाहिए था।


दिल्ली के लोग देश में सर्वाधिक टैक्स देने वाले राज्यों में शामिल हैं, देश के आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण इंजन है। दिल्ली के लोगों ने पिछले साल केंद्र सरकार को 2.07 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स और 25,000 करोड़ रुपये सीजीएसटी दिया।
इसके बदले दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार से मात्र 20,000 करोड़ रुपये की मांग की, जो उनके द्वारा दिए जाने वाले टैक्स का मात्र 10 फीसदी है। ये केंद्र सरकार के कुल बजट का मात्र 0.4 फीसदी है। इसके बावजूद भी केंद्र सरकार ने न तो टैक्स शेयर और न ही एमसीडी के लिए पैसा दिया।

युवा व महिलाओं के लिए लाभकारी बजट : सचदेवा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बजट का स्वागत करते हुए इसे पीएम नरेंद्र मोदी के 2047 के विकसित भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने वाला माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि एक दशक या उससे अधिक समय तक देश को सभी के लिए घर के एजेंडे पर काम करना होगा और जाहिर तौर पर इसे ध्यान में रखते हुए आवास योजना के लिए बजटीय प्रावधानों में वृद्धि की गई है। हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बजट 2024-25 में आवास योजना निवेश में वृद्धि से दिल्ली के गरीबों को लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि केजरीवाल सरकार दिल्ली में केंद्रीय आवास योजनाओं को लागू करने की अनुमति नहीं दे रही है।

यह बजट महिलाओं और युवाओं के लिए लाभकारी है। 50 फीसदी मानक कटौती राहत पूरे वेतनभोगी वर्ग को लाभान्वित करने वाली है। महिलाओं के विशेष प्रतिभा प्रशिक्षण कार्यक्रमों की स्थापना के साथ-साथ कामकाजी महिलाओं के लिए होस्टल और बाल केंद्रों के विकास पर बढ़ते ध्यान से देश की कामकाजी महिलाओं को व्यापक लाभ मिलेगा।


बजट में दिल्ली की हर मामले में अनदेखी : देवेंद्र
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने बजट में दिल्ली की हर मामले में अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बजट में दिल्ली की रक्षा, सुरक्षा, स्वच्छता, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीबों के आशियाने के प्रति उदासीनता दिखाई गई है।

बजट देश की 95% जनसंख्या की उम्मीदों से दूर रहा और गरीबों से किए गए वादों पर विचार तक नहीं हुआ। बजट निराशाजनक और कुर्सी बचाने वाला है। जहां झुग्गी वहीं मकान देने का दावा और वादा करने वाली भाजपा ने पीएम आवास योजना के पिछले बजट से 22487 करोड़ रुपये सरेंडर कर दिए, जबकि दिल्ली में झुग्गीवालों को लगातार उजाड़ा जा रहा है। रेहड़ी पटरी वालों के बजट को 468 करोड़ रुपये से घटाकर 326 करोड़ रुपये कर दिया है। दिल्ली पुलिस के बजट में कटौती की गई है। महिलाओं के लिए मिशन शक्ति के बजट को सरकार ने खर्च नहीं किया। वहीं, राजधानी को विश्वस्तरीय शहर बनाने की सोच में बदलाव करके स्मार्ट सिटी मिशन के बजट में 70% की कटौती की गई है।

जनहितकारी बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा : विजेंद्र गुप्ता
दिल्ली विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष व विधायक विजेंद्र गुप्ता ने जनहितकारी बजट बताया है। उन्होंने कहा कि बजट जनहितैषी नीतियों का प्रतिबिंब है। यह सर्व समावेशी और सर्व स्पर्शी बजट है जिसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। तीन लाख रुपये तक की आय तक कोई टैक्स नहीं देने से जन साधारण को बड़ी राहत मिलेगी। शिक्षा और कौशल पर विशेष ध्यान देकर मोदी सरकार ने रोजगार जैसे ज्वलंत मुद्दे को शांत करने का तो प्रयास किया ही है। साथ ही, युवाओं को विकसित भारत में उनके योगदान का आह्वान भी किया है। पीएम आवास योजना के तहत तीन करोड़ अतिरिक्त मकान देने से करोड़ों गरीब परिवारों का अपने घर का सपना साकार हो सकेगा। यह बजट विकसित भारत की मजबूत नींव तैयार करेगा। बजट में शिक्षा और कौशल पर ध्यान केंद्रित किया गया गया है। बजट गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के कल्याण पर जोर देकर प्रगति के चार स्तंभों के लिए अवसर पैदा करने की प्रतिबद्धता को दिखाता है।

सरकार बचाओ-महंगाई बढ़ाओ वाला बजट : आप
आप ने केंद्रीय बजट को सरकार बचाओ-महंगाई बढ़ाओ वाला करार दिया है। आप सांसद संजय सिंह और पंजाब से सांसद मलविंदर सिंह कांग ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि बजट से देश के किसानों, महिलाओं, युवाओं, कर्मचारियों के हिस्से कुछ नहीं आया है, लेकिन टैक्स न बढ़ाकर कॉरपोरेट घरानों को राहत दी गई है। आप नेताओं ने कहा कि बजट किसानों को एमएसपी की गारंटी देने, अग्निवीर योजना को खत्म करने, ओल्ड पेंशन, पेट्रोल-डीजल समेत रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स में छूट पर पूरी तरह खामोश है। दिल्ली में आप की सरकार है। इस वजह से दिल्ली को एक भी रुपया नहीं दिया गया।

संजय सिंह ने दावा करते हुए कहा कि पेश बजट में दो-तीन बातें महत्वपूर्ण हैं। पहला, पिछले कई वर्षों से बजट की खुशहाली का अंदाजा शेयर मार्केट के गिरने और उठने से लगाया जाता है, लेकिन बजट आने के बाद शेयर मार्केट में करीब 1200 अंक की गिरावट देखी गई। दूसरा, बजट से उम्मीद लगाए अलग-अलग वर्गों के लोगों को भी निराशा हाथ लगी है। किसान केंद्र से एमएसपी की मांग कर रहे हैं, लेकिन बजट में कोई प्रावधान नहीं है। दिल्ली इनकम टैक्स और जीएसटी मिलाकर केंद्र सरकार को हर साल 2.32 लाख करोड़ रुपये देती है, लेकिन बदले में दिल्लीवालों को कुछ मिला।

विकसित भारत का रोडमैप : बिधूड़ी
दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि बजट विकसित भारत का रोडमैप है। 2047 में विकसित भारत के संकल्प और सपने को यह बजट पूरा करेगा। रक्षा के लिए सबसे ज्यादा धनराशि का प्रावधान भारत की संप्रभुता और आधुनिकता के इरादे को साफ प्रकट करता है। शहरी विकास से लेकर गांवों में किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की गई है।

एमएसएमई सेक्टर को मिलेगी मजबूती : खंडेलवाल
चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि पेश बजट भारत के लिए मार्गदर्शक दस्तावेज है। मुद्रा योजना की सीमा को 20 लाख रुपये तक बढ़ाना एक मील का पत्थर पहल है जो एमएसएमई क्षेत्र को काफी मजबूत करेगी। एमएसएमई क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला है, जिससे यह देश में अर्थव्यवस्था और व्यापार के क्षेत्र में सही मार्गदर्शन बनेगा।

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