दिल्ली: बीमार मस्तिष्क होगा स्वस्थ… बनेगा इलाज संग पुनर्वास का प्रोटोकॉल

रोगी मस्तिष्क को भी स्वस्थ बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रोटोकॉल तैयार होगा। इसकी मदद से समय पर रोग की पहचान, उसकी रोकथाम, रोग को लेकर लोगों के बीच जागरूकता, उचित इलाज और उपचार के बाद मरीज के पुनर्वास पर ध्यान दिया जाएगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि देश में मस्तिष्क से जुड़े रोग मरीज की दिव्यांगता के साथ मौत का प्रमुख कारण है। इससे न केवल मरीज परेशान होता है बल्कि पूरा परिवार आर्थिक के साथ मानसिक रूप से पीड़ित रहता है। जबकि ऐसे रोगों की रोकथाम संभव है। डॉक्टरों का कहना है कि पश्चिमी देशों में मस्तिष्क से जुड़े रोग घट रहे हैं, जबकि देश में खराब शैली सहित दूसरे कारणों से बढ़ रहे हैं। कई मामलों में यह दोगुने तक हो चुके हैं। ऐसे में इसकी रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर काम शुरू हो गया है। देश में हर साल लाखों लोग इससे पीड़ित होते हैं। यह अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इबहास) के निदेशक व नीति आयोग के नेशनल टास्क फोर्स ऑन ब्रेन हेल्थ के चेयरपर्सन डॉ. राजेंद्र धमीजा ने बताया कि देश मस्तिष्क के इलाज के लिए बड़े स्तर पर काम कर रहा है। इसे लेकर बनाए गए टास्क फोर्स में एम्स, आईसीएमआर सहित अन्य विशेषज्ञ हैं। यह कमेटी मस्तिष्क के इलाज, पुनर्वास सहित अन्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सलाह तैयार कर रही है। 

उन्होंने बताया कि बीते दिनों इस विशेष पर भारत के तरफ से संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) का विज्ञान शिखर सम्मेलन में पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि देश ने 10 साल का टारगेट रखा है। इसमें इलाज, पुनर्वास के साथ दूसरी जरूरी कार्य को लेकर रणनीति बनाने व टाइम लाइन तय करने का निर्णय लिया है। अभी तक इसपर छह बैठक हो चुकी है। जल्द ही राष्ट्रीय स्तर के लिए सलाह जारी होगी। यह रोग के रोकथाम, बचाव के लिए जागरूकता, समय पर इलाज व मरीज के पुनर्वास पर केंद्रित होगा।

इन पर काम करेगी केंद्रीय टास्क फोर्स

ब्रेन स्ट्रोक

डिमेंशिया

एपिलेप्सी

पार्किंसंस

न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर

न्यूरोलॉजिकल संक्रमण

हेड इंजरी

स्पाइनल कॉर्ड इंजरी

ब्रेन ट्यूमर

देश में स्ट्रोक के मामले दोगुने हुए
पश्चिमी सहित कई देशों में स्ट्रोक के मामले तेजी से घट रहे हैं, लेकिन देश में यह मामले दोगुने हो गए हैं। यह एक निवारक रोग है, यदि इस पर ध्यान दिया जाए तो ऐसे मामलों को होने से पहले रोका जा सकता है। लेकिन देश में कारणों से यह बढ़ रहे हैं। सबसे बड़ी संख्या युवाओं में होने वाली घटनाएं हैं। केंद्रीय टास्क फोर्स इसे लेकर विशेष रूप से काम करेगी।

इस बीमारी से पीड़ित रखें खास ध्यान

रक्तचाप

मधुमेह

कोलेस्ट्रॉल

रखें इसका विशेष ध्यान

खाने में नमक कम

घी कम

लें अच्छी नींद

शरीर की जरूरत के आधार पर लें उचित आहार

अर्थव्यवस्था को नुकसान
डॉॅक्टरों का कहना है कि मस्तिष्क से जुड़े रोग अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। इनसे जुड़े रोग दिव्यांगता के लिए प्रमुख कारण बनता है। साथ ही इन रोगों से मौत होने की घटनाएं भी बढ़ जाती है। यह दिव्यांगता के साथ मरीज की मौत का प्रमुख कारण है। इन रोगों के कारण न केवल मरीज परेशान होता है बल्कि पूरा परिवार आर्थिक व मानसिक रूप से प्रभावित होता है।

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