दिल्ली : धूल के गुबार में उड़ रहे ग्रैप के नियम, निर्माण से लेकर विध्वंस कार्य धड़ल्ले से जारी
राजधानी में हवा जहरीली होने से लोगों की सांस फूल रही है। प्रदूषण की रोकथाम को लेकर ग्रैप के नियम नाकाफी साबित हो रहे हैं। इसकी वजह कुछ और नहीं, बल्कि जिम्मेदार विभागों व एजेंसियों की लापरवाही है। आलम यह है कि ग्रैप का तीसरा चरण लागू होने के बावजूद निर्माण से लेकर विध्वंस कार्य बेखौफ तरीके से हो रहे हैं। यही नहीं, निर्माण स्थलों के बाहर लगाई गई एंटी स्मॉग गन धूल फांक रहीं हैं। सड़कों पर पानी का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा है। सफाई भी स्वीपिंग मशीनों से नहीं की जा रही है। इस कारण सड़कों पर उड़ रही धूल के गुबार से लोग परेशान हैं।
सबसे अधिक दिक्कत सांस के मरीजों और बुजुर्गों को हो रही है। प्रदूषण की वजह से उन्होंने सैर करना भी बंद कर दिया है। अशोक विहार, लक्ष्मी नगर, पंजाबी बाग, द्वारका और दिलशाद गार्डन में धूल के गुबार के बीच से राहगीर गुजरने को मजबूर हैं। यहां निर्माण स्थलों पर निर्माण सामग्री लाने वाले ट्रकों को ढका तक नहीं जा रहा है। वहीं, सरोजनी नगर का राजमाता विजयाराजे सिंधिया मार्ग पर दिनभर धूल उड़ती रहती है। यहां निर्माण स्थलों के बाहर लगी एंटी स्मॉग गन धूल फांकती नजर आती हैं। लोगों का कहना है कि यहां किसी तरह के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
मशीन से नहीं हो रही सड़कों की सफाई
सीएक्यूएम के आदेश हैं कि सड़कों व फुटपाथ की सफाई मशीन से की जाए, लेकिन, अब भी झाड़ू लगाई जा रही है। सरोजनी नगर में निर्माण कार्य चल रहा है। स्थानीय निवासी गौरव कुमार कहते हैं कि यहां पैदल जाने वाले राहगीरों का धूल से बुरा हाल है। इसकी कई बार शिकायत की जा चुकी है। इसके बावजूद कोई इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। प्रगति मैदान इलाके में भी सड़कों की सफाई झाड़ू होती है।
बेखौफ हो रहा निर्माण कार्य
अशोक पार्क मेन में बेखौफ होकर लोग निर्माण कार्य कर रहे हैं। घर के पास किए जा रहे निर्माण कार्य को न तो ढका गया है, न ही पानी का छिड़काव किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि यहां किसी एजेंसी का ध्यान नहीं है। रोजाना कोई न कोई निर्माण कार्य कर रहा है। इसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। निर्माण सामग्री को भी खुले में रखा गया है। इससे धूल उड़ रही है।