दिल्ली: परिवहन विभाग में अब बायोमेट्रिक सिस्टम से लगेगी हाजिरी
बृहस्पतिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। कहा गया है कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस के लिए सभी अधिकारी और कर्मचारी 26 दिसंबर तक पंजीकरण करा लें।
दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की हाजिरी अब बायोमेट्रिक लगेगी। बृहस्पतिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। कहा गया है कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस के लिए सभी अधिकारी और कर्मचारी 26 दिसंबर तक पंजीकरण करा लें। इसके बाद 27 दिसंबर को प्रशासनिक ब्रांच को इस संबंध में सर्टिफिकेट भेजा जाए। अधिकारियों का कहना है कि अगले साल जनवरी से बायोमेट्रिक हाजिरी लगनी शुरू हो होगी।
बता दें कि विभाग की ओर से हाल ही में 100 अटेंडेंस सिस्टम और 100 ब्रेथ एनालाइजर लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए निविदा जारी की गई थी। परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के लगने से डबल ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों पर लगाम लगेगी।
साथ ही ब्रेथ एनालाइजर से कर्मचारियों के नशे में होने की जानकारी मिलेगी। खास तौर पर बस चालकों की नशे में होने की जानकारी मिलेगी। अधिकारियों के अनुसार, फेस रिकॉग्निशन आधारित बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम चेहरे की पहचान एल्गोरिदम का उपयोग करके कर्मचारी की उपस्थिति को सटीक रूप से ट्रैक किया जाएगा।
यह कर्मचारी और व्यवस्थापक भूमिकाओं के साथ दो-स्तरीय उपयोगकर्ता पहुंच भी प्रदान करेगा। इसके उपयोग से सुरक्षा में सुधार, उपस्थिति ट्रैकिंग को सुव्यवस्थित करने और प्रशासनिक कार्यभार को कम करने के लिए किया जाएगा। कई ऐसे में मामले सामने आए हैं जब पता चला है कि बस चालक दिन में एक शिफ्ट खत्म कर दूसरी शिफ्ट करने लगा। ऐसे में चालक को पर्याप्त आराम नहीं मिलता, जिससे सड़क हादसों का खतरा बना रहता है।
फेस रिकॉग्निशन आधारित बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से डबल शिफ्ट नहीं हो पाएगी। अधिकारियों ने बताया कि कई ऐसी शिकायतें भी मिली हैं जिसमें यदि कोई चालक एक डिपो या क्लस्टर से नियमों का उल्लंघन करने पर निकाल दिया जाता है। तो वह तो वह दूसरे डिपो या क्लस्टर में जाकर नौकरी कर लेता है। इसे रोकने के लिए फेस रिकॉग्निशन आधारित बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से तुरंत जानकारी मिल जाएगी।
मैन्युअली दर्ज होती थी हाजिरी अब तक
मौजूदा समय में शिफ्ट टाइमिंग के अनुसार कर्मचारियों के इन-टाइम और आउट टाइम को मैन्युअल रूप से रजिस्टर में दर्ज किया जाता है।
बाद में कर्मचारी की उपस्थिति को ट्रैक करने के लिए एक्सेल शीट में अपडेट किया जाता है। ऐसे में यह एक लंबी प्रक्रिया बन जाती है। इसमें फर्जीवाड़ा करने की भी आशंका रहती है। ऐसे में मौजूदा उपस्थिति प्रणाली की समस्याओं को दूर करने के लिए बायोमेट्रिक आधारित फेस रिकग्निशन उपस्थिति प्रणाली लागू होगी।