राजधानी की सीमा से दूर रहेंगे भारी वाहन, एनसीआर के शहरों में भी पिकेट लगाएगी दिल्ली पुलिस…

दिल्ली पुलिस अब एनसीआर के शहरों में भी अपनी पिकेट लगाएगी। दिल्ली यातायात पुलिस के साथ यहां पर संबंधित जिले का सुरक्षा दस्ता भी तैनात रहेगा। इसका मकसद आवाजाही सीमित करके दिल्ली में वाहनों के प्रदूषण को सीमित करना है। पिकेट से ट्रक समेत दूसरे वाहनों को दिल्ली की सीमाओं से बहुत पहले ही वापस लौटना है। इससे सीमा पर जाम नहीं लगेगा। वहीं, प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा। गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम समेत दूसरे शहरों में इसकी शुरुआत भी हो गई है। सभी शहरों में आपसी तालमेल बैठाने के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया गया है। सभी शहरों के वरिष्ठ अधिकारी व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए हैं।

इससे पहले बीते दिनों दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के साथ अंतरराज्यीय तालमेल बैठाने के लिए संबंधित शहरों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें ग्रेप के तहत लगाई गई बंदिशों में वाहनों की आवाजाही को सीमित करने के लिए सीमा से दूर पुलिस पिकेट लगाकर जांच करने का फैसला लिया गया।

दिल्ली यातायात पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त अजय चौधरी ने बताया कि ट्रक आदि भारी वाहन दिल्ली की सीमा तक पहुंच जाते हैं। यहां से इनको पास लौटाया जाता है। वाहनों को सीमा से वापस लौटने पर जाम की स्थिति पैदा होती है। लोगों की आवाजाही बाधित होने के साथ यह प्रदूषण की वजह भी बनते हैं। ऐसे में पड़ोसी जिलों में यू-टर्न पर दिल्ली यातायात पुलिस संबंधित जिला के साथ संयुक्त रूप से पिकेट लगा रही है। दिल्ली पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में हुई अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक में यह फैसला आपसी सहमति से लिया गया। साथ ही इन पुलिस पिकेट पर नजर रखने के लिए एक टास्क फोर्स के गठन किया गया है। दिल्ली यातायात पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सत्यवीर कटारा को प्रभारी बनाया गया है।

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े हैं अधिकारी

टास्क फोर्स के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सत्यवीर कटारा ने बताया कि पिकेट पर निगरानी रखने के लिए फोर्स के गठन किया गया है। साथ ही फोर्स ने सभी पुलिस यातायात पुलिस अधिकारियों का एक व्हाट्एस ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप में दिल्ली यातायात पुलिस के सभी रेंज पुलिस उपायुक्त के अलावा पड़ोसी राज्यों के जिले यातायात पुलिस अधिकारियों को जोड़ा गया है। इस ग्रुप में सभी तरह का अपडेट तुरंत डाला जाता है, ताकि एक-दूसरे की कर्मियों को ठीक किया जा सके।

पिकेट लगाने का उद्देश्य

ट्रक आदि भारी वाहन दिल्ली की सीमा तक आ जाते हैं और प्रदूषण फैलाते हैं। ऐसे में इन वाहनों को पड़ोसी राज्यों में पहले ही वापस भेज दिया जाता है। जैसे गुरुग्राम के मानेसर की तरफ से आने वाले भारी वाहनों को केएमपी की तरफ भेजा दिया जाता हैये पिकेट इसलिए भी बनाई गई है कि यू-टर्न लेकर वापस जाने में भारी वाहनों को बहुत लंबा घूमना पड़ता है। ऐसे में पड़ोसी जिलों में उन जगहों पर पिकेट लगाई गई हैं, जहां यू-टर्न होकेएमपी व दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस पे पर उन उतार वाली जगहों पर पिकेट लगाई गई है जहां से वाहन दिल्ली के लिए उतरते हैुं। भारी वाहनों को दिल्ली के लिए उतार से उतरने नहीं दिया जाता है

यहां लग रही है पिकेट व दो दिसंबर को लौटाए भारी वाहन-

सोनीपत- जीरोपाइंट नाका एनएच-44-2,कोंडली नाका बॉर्डर-2, शिवपुरी नाका-1, जती कलां बख्तापुर-2, लामपुर बॉर्डर-2, साफियाबाद बॉर्डर नाका-2, नहारी डबल नहर पुलिस-1गुरुग्राम- नाका पोचनपुर चौक- 20, सिरहौल टोल-14, धारूहेड़ा बॉर्डर, पछगांव चौक-20, आयानगर बॉर्डर-35।गाजियाबाद- यूपी गेट अंडरपास(गाजीपुर अंडरपास)-8, यूपी गेट एनएच-9- 4, ईस्टर्न पेरिफेरल डासना(पलवल की तरफ)-14, ईस्टर्न पेरिफेरल डासना इंट्री (कोंडली साइड)- 15,मोदी नगर बॉर्डर-25, सीमापुरी बॉर्डर-17, तुलसी निकेतन बॉर्डर-3, लोनी बॉर्डर-2।झज्जर-सेक्टर-9 मोड बी.गढ-22, किसान चौक बी.गढ़-23, नाका झज्जर बी.गढ़ रोड पुल के नीचे झज्जर-7, नाका झरौदा बॉर्डर, डासना बॉर्डर बादली-2, गुभाना माजरी रोड बतारगढ़-3, केएमपी-11, नाका कानोंडा कुलासी मोड़-15।

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