दिल्ली: विधानसभा चुनाव से पहले दल-बदल के सियासी खेल ने पकड़ी रफ्तार

दिल्ली की सियासत में अभी से शह और मात का खेल शुरू है। विधानसभा चुनाव ऐलान के पहले ही दलबदल का सियासी खेल रफ्तार पकड़ रहा है। इस विधानसभा में बागियों पर सभी की निगाहें टिकी होंगी।

दिल्ली की सियासत में अभी से शह और मात का खेल शुरू है। विधानसभा चुनाव ऐलान के पहले ही दलबदल का सियासी खेल रफ्तार पकड़ रहा है। इस विधानसभा में बागियों पर सभी की निगाहें टिकी होंगी। दरअसल ये बागी चुनाव को प्रभावित कर सकते है। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश गहलौत के पार्टी बदलने पर यह चर्चा और कयास और तेज हो गए हैं।

हालांकि अभी कई समीकरण चुनाव तक बनेंगे और बिगड़ेंगे। देखना दिलचस्प होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है। इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बागी खेल बिगाड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। आप के आधा दर्जन मंत्री अभी तक पार्टी छोड़ चुके है वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेताओं ने भी दल-बदल किया है।

बागी नेताओं से अब तक तो तीन बार सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी पर खास प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि आप के गठन के बाद से अब तक कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। इनमें योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, किरण बेदी और कुमार विश्वास शामिल हैं।

लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना है कि इनकी बढ़ती संख्या आगामी चुनाव में अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें जरूर बढ़ाएगी। क्योंकि इस बार सत्ता विरोधी बयार भी दिल्ली सरकार के खिलाफ देखने को मिल सकता है। एमसीडी में भी इस बार सत्ता में आम आदमी पार्टी ही है, लिहाजा उसमें नाकामी का ठीकरा भी आप के सिर फूट सकता है।

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