दल्ली -NCR में साँस लेना पड़ा महंगा, प्रदूषित हवा से 1 लाख बच्चों की मौत!

दल्ली -NCR में साँस लेना पड़ा महंगा, प्रदूषित हवा से 1 लाख बच्चों की मौत!दिल्ली एनसीआर में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है दिल्ली में प्रदूषण की भयावह होती स्थिति अब बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक बन चुकी है। दिल्ली-एनसीआर देश का सबसे प्रदूषित जगह बनता जा रहा है। दिल्ली में मंगलवार को भी वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। लोधी रोड इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों का स्तर 280 पर है।

मासूमों पर मंडराता खतरा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएयओ) की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में भारत में पांच साल से कम उम्र के करीब एक लाख बच्चों की जहरीली हवा के प्रभाव में आने से मौत हो गई। साथ ही, इसमें बताया गया कि निम्न एवं मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे 2016 में हवा में मौजूद महीन कण (पीएम) से होने वाले वायु प्रदूषण के शिकार हुए। इसे खराब स्तर माना जाता है। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में भी हालात सुधरने वाले नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 367 के स्तर पर था। इसे अति खराब स्तर माना जाता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पेट्रोल के 15 साल पुराने और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया।
जहर पर राजनीति : वहीं, बढ़ते प्रदूषण को लेकर बीजेपी नीत केंद्र सरकार और दिल्ली की आप सरकार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति को ‘बहुत ही चिंताजनक’ बताते हुए निर्देश दिया कि पेट्रोल से चलने वाले 15 साल पुराने और डीजल से चलने वाले 10 साल वाहनों की सूची सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और परिवहन विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाए।
इस बीच, ग्रीनपीस द्वारा जारी एक रिपोर्ट में भारत के प्रदूषण स्तर की बहुत ही भयावह तस्वीर पेश की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन के विश्व के तीन सबसे बड़े ‘हॉटस्पॉट’ भारत में हैं और इनमें से एक दिल्ली-एनसीआर में है। पीएम 2.5 और ओजोन के निर्माण के लिए नाइट्रोजन ऑक्साइड जिम्मेदार होता है।
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