दिल्ली नगर निगम: 13 पार्षदों के दल बदलने से जल्द हो सकता है सत्ता परिवर्तन
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अब एमसीडी में भाजपा के पास सबसे अधिक पार्षद हो गए हैं। आप दूसरे नंबर पर खिसक गई है। यह घटनाक्रम न केवल दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ है, बल्कि एमसीडी में सत्ता पक्ष और विपक्ष के मामलों में भी बड़ा बदलाव है।
आम आदमी पार्टी के 13 पार्षदों के हाल ही में भाजपा व कांग्रेस में शामिल होने के बाद सत्ता बदलाव की संभावना हो गई है। अब एमसीडी में भाजपा के पास सबसे अधिक पार्षद हो गए हैं। आप दूसरे नंबर पर खिसक गई है। यह घटनाक्रम न केवल दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ है, बल्कि एमसीडी में सत्ता पक्ष और विपक्ष के मामलों में भी बड़ा बदलाव है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी छोड़कर आए पार्षदों से निगम सचिव को उनकी दलीय स्थिति से अवगत कराने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं, भाजपा नेता सदन के पद की मांग करने के लिए निगम सचिव को अपने पार्षदों की सूची सौंपेगी।
एमसीडी की परंपराओं के अनुरूप सबसे बड़े दल को नेता सदन का पद मिलता है। सबसे बड़े विपक्षी दल को नेता प्रतिपक्ष का पद दिया जाता है। ऐसे में अब भाजपा सबसे बड़ा दल बन चुकी है और उसके पास सदन में प्रस्तावों को हरी झंडी देने के लिए संख्या बल है। एमसीडी के वर्तमान दलीय स्थिति के अनुसार, भाजपा के पास अब 116 पार्षद हो गए हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के पास 113 पार्षद रह गए हैं। कांग्रेस के पास आठ पार्षद हैं और एमसीडी में कुल 238 पार्षद हैं। दरअसल 12 पार्षदों में से एक पार्षद के सांसद व 11 पार्षदों के विधायक चुने जाने पर 12 वार्ड रिक्त हो गए हैंं।
भाजपा की रणनीति और संभावित कदम
एमसीडी के अधिकारियों का कहना है कि भाजपा की ओर से नेता सदन के पद के लिए दावा किए जाने के बाद आप से उसके नए पार्षदों की सूची मांगी जाएगी। सूची प्राप्त होने के बाद निगम सचिव कोई अंतिम निर्णय लेंगे। यह स्थिति इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि नेता सदन का पद निगम के कामकाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए अहम होता है। भाजपा की रणनीति के तहत यह भी संभावना जताई जा रही है कि यदि मेयर और डिप्टी मेयर सदन की बैठक में समय पर उपस्थिति नहीं होंगे तो भाजपा सदन का संचालन करने के लिए किसी वरिष्ठ पार्षद को चुन सकती है। हाल ही में आप के मेयर सदन की बैठकों में समय पर नहीं आ रहे हैं, जिससे भाजपा को यह मौका मिल सकता है कि वह बैठक का संचालन अपने पक्ष में कर सके।
12 वार्डों के उपचुनाव और आगामी परिणाम
एमसीडी में 12 वार्ड खाली हैं। इनके उपचुनाव अगले दो से तीन महीने में होने की संभावना है। इनमें से नौ वार्डों में दो साल पहले हुए एमसीडी चुनाव में भाजपा ने विजय प्राप्त की थी। इन उपचुनावों के परिणाम दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। यदि भाजपा उपचुनावों में अच्छा प्रदर्शन करती है तो उसे और अधिक शक्ति मिल जाएगी। आप उपचुनावों में सफलता हासिल करती है तो भाजपा के हाथ से एमसीडी की सत्ता खिसक जाएगी। इस प्रकार दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया बदलाव देखने को मिल सकता है।