दिल्ली: मॉक ड्रिल के लिए पहली बार रक्षा मंत्री के काफिले का इस्तेमाल
सूचना मिलते ही सीनियर पुलिस अधिकारी, एम्स प्रशासन व अन्य लोग तुरंत अलर्ट होकर एमरजेंसी की तरफ पहुंचे। पुलिस को कॉल मिली थी कि वीआईपी कैजुएल्टी हो गई हैं, सभी तुरंत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ के सरकारी आवास पर पहुंचे।
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के पूरा काफिला सोमवार सुबह एम्स पहुंच गया। इससे एम्स में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही सीनियर पुलिस अधिकारी, एम्स प्रशासन व अन्य लोग तुरंत अलर्ट होकर एमरजेंसी की तरफ पहुंचे। पुलिस को कॉल मिली थी कि वीआईपी कैजुएल्टी हो गई हैं, सभी तुरंत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ के सरकारी आवास पर पहुंचे।
हालांकि पुलिस एकदम चुस्त मिली और कुछ ही मिनटों में उनके सरकारी आवास पर पहुंच गईं। करीब एक घंटे बाद पता लगा कि ये वीआईपी मॉक ड्रिल थी। किसी मॉक ड्रिल में रक्षा मंत्री के काफिले का पहली बार इस्तेमाल किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हो सकता है कि किसी इनपुट के चलते ये मॉल ड्रिल की गई हो।
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रशिया गए हुए थे। वह सोमवार शाम को पांच बजे दिल्ली लौटे हैं। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई दिल्ली जिला पुलिस को सोमवार सुबह सूचना मिली थी कि कोई बड़ी वीआईपी कैजुअल्टी हो गई है। तुरंत 17, अकबर रोड, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर पहुंचें।
सूचना के बाद पुुलिस पांच से छह मिनट में रक्षामंत्री सिंह के आवास पर पहुंच गई। कुछ ही देर में उनका काफिला आवास से निकला और एम्स के लिए चल दिया। यह काफिला एम्स की एमरजेंसी के सामने रूका। इसके बाद स्ट्रेचर पर लिटाकर कई वीआईपी लोगों को एमरजेंसी में भर्ती कराया गया। करीब बारह बजे उनका काफिला वापस लौट गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रियों को धमकाने व रंगदारी मांगने की वारदातें बढ़ रही हैं। इसे देखते हुए ये मॉल ड्रिल की गई थी। मॉक ड्रिल में राजनाथ सिंह के काफिले का पहली बार इस्तेमाल किया गया है। सोमवार सुबह रक्षामंत्री सिंह दिल्ली में नहीं थे। उनका काफिला खाली थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सूचना के बाद दिल्ली पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची।
कथित वीआईपी घायलों को एम्बुलेंस से तुंरत काफिले के साथ एम्स भेजा गया। दिल्ली यातायात पुलिस को मैसेज देकर उनके काफिले को क्लियर रूट उपलब्ध करवाया गया। वीआईपी पर हमले होने की स्थिति में पुलिस व अन्य एजेंसियोंं की सतर्कता को जांच करने के लिए ये मॉक ड्रिल की गई थी।