दिल्ली: सरकारी भवनों में लगेंगे पांच स्टार एसी, बिजली और खर्च में होगी बचत
बिजली बचत की दिशा में दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली की सभी सरकारी इमारतों में कम बिजली खपत करने वाले बीएलडीसी पंखे, 5 स्टार रेटिंग वाले एयर कंडीशनर के साथ-साथ अच्छी रेटिंग वाले बिजली के उपकरणों का उपयोग अनिवार्य होगा।
दिल्ली सरकार की सभी इमारतों में अब पांच स्टार रेटिंग वाले एसी और एनर्जी एफिशिएंट पंखों का उपयोग अनिवार्य होगा। इस कदम से न केवल बिजली खपत कम होगी बल्कि सालाना करोड़ों रुपयों की बचत भी सरकार की होगी।
कैबिनेट के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री आतिशी ने मंजूरी दे दी है। अनुमोदन के लिए जल्द ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेजा जाएगा। बिजली बचत की दिशा में दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली की सभी सरकारी इमारतों में कम बिजली खपत करने वाले बीएलडीसी पंखे, 5 स्टार रेटिंग वाले एयर कंडीशनर के साथ-साथ अच्छी रेटिंग वाले बिजली के उपकरणों का उपयोग अनिवार्य होगा।
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऊर्जा दक्षता को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है। यह न केवल बिजली खपत और बिलों को कम करेगा, बल्कि एक हरित भविष्य की दिशा में भी बड़ा योगदान देगा। यह पहल देशभर के लिए एक उदाहरण बनेगी कि कैसे टेक्नोलॉजी इनोवेशन और सही पॉलिसी के जरिए ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सकता है। लक्ष्य है कि सरकारी इमारतों में ऊर्जा दक्ष उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए बिजली को बचाया जाए और इस निर्णय से हम हर साल करोड़ों रुपये की बचत करेंगे। कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में भी बड़ा योगदान देगा।
बिजली पर होता है 1900 करोड़ से अधिक खर्च
दिल्ली सरकार की इमारतें बिजली की बड़ी खपतकर्ता हैं। दिल्ली सरकार के विभागों में हर साल 2000 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग होता है। लागत 8.50 रुपये से 11.50 रुपये प्रति यूनिट होती है। इस कारण से बिजली बिलों पर 1900 करोड़ रुपये से अधिक खर्च दिल्ली सरकार का होता है।
इस तरह होगी बिजली की बचत
तकनीक में सुधार के कारण बिजली बचाने के कई विकल्प उपलब्ध हैं। मसलन, एलईडी लाइट्स ने पहले ही ऊर्जा बचत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, अब फोकस पंखों और एयर कंडीशन पर है। बीएलडीसी पंखे पारंपरिक पंखों की तुलना में करीब 40-45 वाॅट कम बिजली की खपत करते हैं। इससे हर साल प्रति पंखा लगभग 96 यूनिट बिजली बचाई जा सकती है, जिससे 950 से 1100 रुपये की बचत संभव है। इसी तरह 5-स्टार रेटेड एयर कंडीशनर सामान्य एसी की तुलना में 2800 से 3042 यूनिट बिजली बचा सकते हैं, जो सालाना 27,000 से 29,000 रुपये की बचत का कारण बनते हैं। सरकारी इमारतें, जो बिजली की प्रमुख खपतकर्ता हैं, इस पहल से बिजली का दक्षता से इस्तेमाल करते हुए बिजली बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
दस साल सत्ता में रहने के बाद बिजली बचाने का ख्याल आया : कपूर
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि सत्ता के दस साल बाद बिजली बचाने की कवायद की गई है। सरकारी कार्यालयों में बिजली उपकरण बदलने का प्रस्ताव वक्त से पीछे चलने वाला प्रस्ताव है। अधिकांश बड़े निजी क्षेत्र प्रतिष्ठानों में पहले से ही लागू है। 2007 से 2022 के बीच दिल्ली नगर निगम में भाजपा प्रशासन ने इन प्रस्तावों से कहीं आगे जाकर अपने अनेक कार्यालयों व स्कूलों में सौर उर्जा प्लांट लगाकर बिजली खर्च तो खत्म किया ही, आय का साधन भी बनाया है। कपूर ने यह भी कहा कि दिल्ली नगर निगम ने अपना पूरा स्ट्रीट लाइट नेटवर्क एलईडी करके बिजली बिल दो तिहाई तक कम किया है।