दिल्ली : किराये के ड्रोन से धुलेगी दिल्ली की हवा… प्रदूषण होगा कम
वायु प्रदूषण के हॉटस्पॉट को सीमित रखने के लिए इस बार दिल्ली सरकार ड्रोन का इस्तेमाल करेगी। प्रदूषण ज्यादा होने पर मिस्ट स्प्रे नाम का ड्रोन हवा में पानी का छिड़काव करेगा। इससे प्रदूषक जमीन पर बैठ जाएंगे और हवा साफ-सुथरी बनी रहेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत तीन ड्रोन को नवंबर से काम में लगाया जाएगा। इसकी कामयाबी के बाद प्रोजेक्ट का विस्तार होगा। अधिकारी बताते हैं कि पायलट स्टडी 15 दिन की है। इनको किराये पर लेने के लिए निविदा भी जारी कर दी गई है।
इनकी शुरुआती तैनाती प्रदूषण के लिहाज से बेहद संवेदनशील जगहों पर होगी। एक ड्रोन में करीब 17 लीटर पानी का टैंक होगा। यह जरूरत के हिसाब से समय-समय पर पानी का छिड़काव करेगा। इसमें लगे यंत्र से रीयल टाइम बेसिस पर हवा की गुणवत्ता भी मापी जा सकेगी। इससे पानी के छिड़काव से पहले और बाद में हवा की गुणवत्ता की जानकारी मिलेगी। ड्रोन में लगे कैमरे बिगड़ती हवा की तस्वीर लेने में भी मदद करेंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में तीन ड्रोन किराये पर लेने हैं। इनका किराया करीब 6,48,000 रुपये आएगा। इनसे मिले अनुभव के आधार पर आगे का काम होगा। एक ड्रोन प्रदूषण के हॉटस्पॉट के दो किलोमीटर के दायरे को कवर करेगा। उम्मीद है कि इससे हवा साफ रखने में मदद मिलेगी। इसका इस्तेमाल नवंबर और दिसंबर में होगा।
ये हैं हॉटस्पॉट के मानक
हॉटस्पॉट की पहचान धूल के महीन कणों पीएम10 और पीएम2.5 की हवा में मौजूदगी के सालाना औसत से तय होगी। इनका आंकड़ा क्रमश: 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। दोनों प्रदूषकों के इससे ज्यादा होने पर उस जगह की पहचान हॉटस्पॉट के तौर पर होती है। डीपीसीसी अपने वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों से दो किमी के दायरे की हवा की गुणवत्ता की माप करता है।
प्रदूषण के 21 हॉटस्पॉट
दिल्ली में छह साल पहले 13 हॉटस्पॉट की पहचान की गई थी। इसमें आनंद विहार, बवाना, मायापुरी, द्वारका, जहांगीरपुरी, मुंडका, नरेला, ओखला, पंजाबी बाग, आरके पुरम, रोहिणी, विवेक विहार व वजीरपुर शामिल हैं। वहीं, पिछले साल इसमें आठ नए क्षेत्र जुड़ गए। इसमें शादीपुर, आईटीओ, मंदिर मार्ग, नेहरू नगर, पटपड़गंज, सोनिया विहार, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम और मोती बाग हैं। इस बार सर्दी में प्रदूषण से जंग के दौरान इन नए हॉटस्पॉट पर भी फोकस किया जाएगा। प्रदूषण की रोकथाम के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे।