दिल्ली: ड्रोन सर्वे करवाने में नाकामी पर DDA के विकास आयुक्त नपे
दिल्ली विकास प्राधिकरण की भूमि पर हो रहे अतिक्रमण और अनधिकृत निर्माण को रोकने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण करवाने में नाकाम रहने पर भूमि प्रबंधन आयुक्त विकास सिंह को पदमुक्त किया जाएगा। उन्हें सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने लापरवाही दिखाई। साथ ही गलत सूचना देकर एलजी को गुमराह किया।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा ने डीडीए के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर विकास सिंह को उनके मूल कैडर में भेजने का निर्देश दिया है। प्रधान सचिव ने पत्र में कहा कि डीडीए की भूमि पर अतिक्रमण, अनधिकृत निर्माण व परिवर्तन का पता लगाने सहित भूमि की वर्तमान स्थिति निर्धारित करने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण करना था। इसे लेकर 6 जून, दो और 16 अगस्त को उपराज्यपाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में दिल्ली के मुख्य सचिव, एमसीडी के आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में एमसीडी को शामिल करके डीडीए और सर्वे ऑफ इंडिया (एसओएल) के बीच 23 अगस्त, 2019 को हुए समझौते पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही निर्देश दिए गए कि ड्रोन सर्वेक्षण के आउटपुट से सभी संबंधित सरकारी संगठनों और दिल्ली के नागरिकों को लाभ मिले।
उन्होंने लिखा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि जून में हुई बैठक में डीडीए, एमसीडी और सर्वे ऑफ इंडिया ने मिलकर कहा कि एक सप्ताह के भीतर इसे अंतिम रूप देना शुरू हो जाएगा। 16 अगस्त की बैठक में भूमि आयुक्त विकास सिंह ने जानकारी दी कि इस समझौते को लेकर सर्वे ऑफ इंडिया ने कुछ मुद्दे उठाए हैं। जबकि बैठक में मौजूद सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अभी तक समझौते की प्रति तक नहीं मिली है।
राजनिवास ने विकास सिंह के बयान को गंभीरता से लिया। साथ ही पाया कि वह एलजी के आदेश के बाद भी भूमि प्रबंधन के लिए रिकॉर्ड बनाए रखने में उन्नत तकनीकों के उपयोग से दूर हो रहे हैं। इसके अलावा कोर्ट के निर्देश को भी कमजोर कर रहे हैं। उपराज्यपाल ने भूमि प्रबंधन आयुक्त विकास सिंह के उदासीन रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है।