दिल्ली: ड्यूटी के दौरान मौत पर सरकार को देना होगा मुआवजा
मोहल्ला क्लीनिक में कार्यरत डॉक्टर कोरोना पीड़ितों का उपचार करते हुए कोरोना महामारी का शिकार हो गए थे। अदालत ने डॉक्टर के परिजनों को डेढ़ करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी के दौरान मरीजों का इलाज करते हुए हुई डॉक्टर की मौत के मामले में दिल्ली सरकार को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। मोहल्ला क्लीनिक में कार्यरत डॉक्टर कोरोना पीड़ितों का उपचार करते हुए कोरोना महामारी का शिकार हो गए थे। अदालत ने डॉक्टर के परिजनों को डेढ़ करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। मामले में मुआवजा भुगतान को लेकर प्रगति रिपोर्ट के लिए अगली तारीख 31 जनवरी की तय की है।
कोविड की दूसरी लहर में डॉक्टर दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक में कार्यरत थे। मृत्यु से कुछ दिन पहले तक वह ड्यूटी कर रहे थे। न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार की तरफ से अतिरिक्त स्थायी वकील प्रशांत मनचंदा ने कहा कि राज्य सरकार के अधीन कार्यरत डॉक्टर के परिवार को मुआवजा देने पर मृत्यु लेखा परीक्षा समिति (डेथ ऑडिट कमेटी) द्वारा सहमति पत्र जारी कर दिया गया है। अब जल्द ही परिवार को मुआवजे की रकम का भुगतान कर दिया जाएगा।
पीठ ने आदेश में कहा है कि अब इस प्रक्रिया में देरी नहीं होनी चाहिए। पहले ही डॉक्टर के परिवार को उनका हक मिलने में देरी हो चुकी है। इस पर प्रशांत मनचंदा ने पीठ को बताया कि मृत डॉक्टर की फाइल को पहले ही 16 दिसंबर 2024 को दिल्ली स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के निदेशक को भेजा जा चुका है। पीठ ने स्पष्ट किया कि मृत डॉक्टर के परिवार को मिलने वाली डेढ़ करोड़ रुपये की रकम में से एक करोड़ रुपये दिल्ली सरकार द्वारा दी जाएगी। बाकी के 50 लाख रुपये केंद्र सरकार केप्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत दिए जाएंगे।
यह है मामला
डॉक्टर रविन्द्र अप्रैल 2021 में दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक में कार्यरत थे। वह क्लीनिक पर आने वाले मरीजों की तमाम तरह की जांच करा रहे थे। इन मोहल्ला क्लीनिकों में बड़ी संख्या में कोविड के मरीज भी पहुंच रहे थे। इन मरीजों के अलावा घर में क्वारंटीन मरीजों का समय-समय पर हाल-चाल लेते थे। इसी दौरान वे भी कोरोना से पीड़ित हो गए और 21 मई 2021 को उनकी मौत हो गई।