दिल्ली विधानसभा चुनाव: कांग्रेस आलाकमान ने किया बड़ा बदलाव
कांग्रेस आलाकमान ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी संगठन को दुरुस्त करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं। उसने संगठन के स्तर पर एक बड़ा बदलाव किया है। इस कड़ी में उसने प्रदेश प्रभारी बदल दिया है। वहीं, प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति करने और उम्मीदवार तय करने के मामले में स्क्रीनिंग कमेटी गठित करने में अपने परंपरागत मुस्लिम समुदाय को वापस अपनी ओर लाने के लिए भी पहल की है।
कांग्रेस ने प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को विवादों के कारण हटा दिया। बाबरिया के नेतृत्व में पार्टी कई मुद्दों से जूझ रही थी। उनसे विवाद होने के कारण लोकसभा चुनाव के दौरान अरविंदर सिंह लवली ने प्रदेश अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था और वे अपने कई साथियों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। लवली का भाजपा में जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था, जिससे पार्टी को अपने संगठन और नेतृत्व में सुधार की आवश्यकता महसूस हुई।
कांग्रेस ने बाबरिया को हटाकर काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया है। यह बदलाव मुस्लिम समुदाय को एक सशक्त संदेश देने की दिशा में किया गया है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए इस समुदाय को अपने पाले में लाना जरूरी हो गया है। काजी मोहम्मद निजामुद्दीन की नियुक्ति से कांग्रेस यह साबित करना चाहती है कि वह मुस्लिम समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए तत्पर है। निजामुद्दीन उत्तराखंड से विधायक हैं। वह कांग्रेस के सचिव भी रह चुके हैं।
कांग्रेस ने उम्मीदवार तय करने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उम्मीदवारों का चयन पारदर्शी और रणनीतिक रूप से किया जाए। स्क्रीनिंग कमेटी में पार्टी के दिग्गज नेता रसीद मसूद के खानदान से सांसद इमरान मसूद को सदस्य बनाया गया है। इमरान मसूद का नाम कांग्रेस में एक ताकतवर नेतृत्व के तौर पर उभरकर सामने आया है और उनकी उपस्थिति कमेटी में कांग्रेस के लिए एक सकारात्मक संदेश देगी।
इस कमेटी की अध्यक्षता मीनाक्षी नटराजन को दी गई है, जो पार्टी के अंदर एक प्रमुख नेता मानी जाती हैं। मीनाक्षी नटराजन का अनुभव और उनकी चुनावी रणनीतियों का कौशल पार्टी के लिए लाभकारी हो सकता है। स्क्रीनिंग कमेटी के एक और सदस्य प्रदीप नरवाल होंगे, जो पार्टी के लिए नये नेतृत्व के तौर पर महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इस कमेटी का गठन कांग्रेस की योजना को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन पूरी तरह से पार्टी की विचारधारा और जनता की उम्मीदों के अनुरूप हो सके।