देहरादून: 14 हजार लीटर पेट्रोल लेकर जा रहे टैंकर के केबिन में अचानक लगी आग

देहरादून के प्रेमनगर में शुक्रवार को एक बड़ा अग्निकांड होने से बच गया। 14 हजार लीटर पेट्रोल लेकर जा रहे टैंकर के एक केबिन में आग लग गई। पहले चालक ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया। कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड और ओएनजीसी की फायर टीम ने आग पर काबू पाया। आग को टैंकर तक पहुंचने से पहले ही बुझा लिया गया। इससे वहां पर बड़ा हादसा होने से बच गया। वहीं, टैंकर में आग लगती देख राहगीरों में अफरा-तफरी भी मच गई। साथ ही ट्रैफिक भी रोक दिया गया।

घटना शुक्रवार शाम करीब तीन बजे की है। एक पेट्रोल टैंकर प्रेमनगर से झाझरा की तरफ जा रहा था। इसी बीच टैंकर के केबिन से धुआं निकलना शुरू हो गया। यह देखकर टैंकर चालक केबिन से कूद गया और आग बुझाने वाले छोटे यंत्र से फोम का छिड़काव करने लगा। लेकिन, आग ने केबिन को अपनी चपेट में ले लिया।

कुछ देर बाद वहां पर फायर स्टेशन देहरादून और ओएनजीसी फायर फाइटिंग टीम भी पहुंच गई। दोनों टीमों की दो गाड़ियों ने केबिन में लगी आग को बुझाया। घटना के वक्त वहां पर वाहनों की भीड़ लग गई। लोगों में हड़कंप मच गया।

मौके पर पहुंची पुलिस ने वहां जाम खुलवाया। टैंकर में 14 हजार लीटर पेट्रोल भरा था जो कि झाझरा स्थित पेट्रोल पंप पर ले जाया जा रहा था। आग अगर टैंकर तक पहुंच जाती तो वहां पर बड़ा हादसा हो जाता। आग लगने का कारण बैटरी के तारों में स्पार्किंग होना बताया जा रहा है। टैंकर को सड़क किनारे खड़ा किया गया है। फायर ब्रिगेड के एक्सपर्ट अग्निकांड के कारणों की जांच कर रहे हैं।

गर्मी में वाहन चलाते समय बरतें सावधानी
गर्मियों में वाहनों में भी आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में चालकों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है।
वाहन के केबिन में छोटा फोम सिलेंडर जरूर रखें। ताकि, कम आग को फैलने से बचाया जा सके।
गर्मियों में इंजिल और इलेक्ट्रिक वायरिंग का तापमान भी बढ़ जाता है। लिहाजा, हर दिन वायरिंग को चेक करें।
गाड़ी अगर पुरानी है तो गर्मियों में इसकी नियमित वर्कशॉप में चेकिंग कराएं।
डेशबोर्ड पर सामने की तरफ चश्मा या उत्तल प्रकृति के कांच को न रखें इससे सूरज की रोशनी और अधिक तीव्र हो जाती है।
गाड़ी के अगले हिस्से से यदि तार जलने की दुर्गंध आती है तो सावधान होकर गाड़ी सड़क किनारे लगा लें।
गाड़ी में फंसने की दशा में खिड़की तोड़ने वाले हथौड़े को अपने साथ जरूर रखें। ताकि, एकदम खिड़की तोड़कर बाहर निकल सकें।
कार के शीशों को हेड रेस्ट की रॉड के निचले हिस्से से भी आसानी से तोड़ा जा सकता है।

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