भारत द्वारा डे-नाइट फॉर्मेट में टेस्ट मैच खेलने से पीछे हटने में उसकी कुछ निश्चित वजहें हैं: क्लार्क

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा है कि भारत द्वारा डे-नाइट फॉर्मेट में टेस्ट मैच खेलने से पीछे हटने में उसकी कुछ निश्चित वजहें हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम के पास ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीतने का ‘अच्छा चांस’ है.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) को आधिकारिक रूप से यह बता दिया है कि भारत दिसंबर में होने वाले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर कोई डे-नाइट टेस्ट मैच नहीं खेलेगा.

क्लार्क ने इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड यंग लीडर्स फोरम (वाईएलएफ) के संवाद सत्र के दौरान बुधवार को कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत को पता है कि वह किन परिस्थितियों में ऑस्ट्रेलिया को हरा सकता है. याद रहे कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराकर कभी सीरीज नहीं जीती है. यह उनका मौका है.’

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की इच्छा थी कि एडिलेड में डे-नाइट फॉर्मेट टेस्ट मैच खेलने की परंपरा जारी रखी जाए, इसलिए उसने भारत के साथ सीरीज के दौरान छह दिसंबर से शुरू होने वाले टेस्ट मैच को डे-नाइट फॉर्मेट में खेलने का प्रस्ताव दिया था.

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मुख्य कोच रवि शास्त्री की अध्यक्षता वाले भारतीय टीम प्रबंधन ने प्रशासकों की समिति (सीएओ) को बताया है कि डे-नाइट टेस्ट की तैयारी के लिए टीम को कम से कम 18 महीने का समय चाहिए.

अपनी कप्तानी में साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड चैंपियन बना चुके क्लार्क ने कहा, ‘यदि भारत दिन में खेलता है, तो विकेट फ्लैट होती है और गेंद अधिक टर्न करती है. लेकिन, रात में गेंद स्पिन नहीं होती है और विकेट में अधिक गीलापन देखने को मिलता है. इसलिए मैं समझ सकता हूं कि वे डे-नाइट टेस्ट क्यों नहीं खेलना चाहते हैं.’ पूर्व कप्तान ने डे-नाइट टेस्ट फॉर्मेट का समर्थन करते हुए कहा कि भविष्य में इसे देखने के लिए अधिक से अधिक दर्शक देखने आएंगे.

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