Dangerous Plot : आतंकी हमले की ट्रेनिंग दे रहा था बासित कलाम सिद्दीकी
पाकिस्तान व अफगानिस्तान में बैठे आकाओं से था संपर्क आतंकी हमले के लिए तैयार कर रहा था 'ब्लैक पाउडर'
–सुरेश गांधी
वाराणसी : आइएसआइएस संगठन से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार वाराणसी के मकबूल आलम रोड निवासी बासित कलाम सिद्दीकी को एनआइए की टीम ने गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विजय कुमार विश्वकर्मा की अदालत में पेश किया। कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड मंजूर कर ली। इस दौरान कलाम ने आईएसआईएस के कनेक्शन का बड़ा खुलासा किया है। एनआइए के अनुसार सिद्दीकी आनलाइन आइईडी बनाने की ट्रेनिंग ले रहा था और अफगानिस्तान के खुरासान जाने की तैयारी में था, ताकि आइएस में सक्रिय रूप से भागीदारी कर सके। बता दें, बुधवार को एनआईए की टीम ने छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया था। वह नौजवानों का का ब्रेशवॉश कर उन्हें आइएसआइएस में भर्ती कराने का काम कर रहा था. वह आइएसआइएस के हैंडलर के साथ संपर्क में था और ’वॉयस ऑफ खुरासान’ पत्रिका के माध्यम से आइएसआइएस का.प्रोपेगेंडा चला रहा था.“
एनआइए प्रवक्ता ने बासित कलाम सिद्दीकी को नई दिल्ली की अदालत में पेश करने के लिए ट्रांजिट रिमांड पर ले जाने की मांग की। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए बासित कलाम सिद्दीकी को दो दिन के लिए नई दिल्ली की संबंधित अदालत में पेश करने का आदेश दिया। ट्रांजिट रिमांड मंजूर होने के बाद बासित कलाम सिद्दीकी को लेकर एनआइए की टीम दिल्ली रवाना हो गई। एनआईए के मुताबिक वह अपने द्वारा संचालित कई टेलीग्राम ग्रुपों के माध्यम से विस्फोटक बनाने और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों व नागरिक आबादी के खिलाफ आतंकी हमले करने की ट्रेनिंग भी दे रहा था. वह आईएसआईएस के लिए सक्रिय रूप से लड़ाई के लिए खुरासान (अफगानिस्तान) में जाने की करने की तैयारी कर रहा था। तलाशी के दौरान एनआईए ने आईईडी और विस्फोटक बनाने के लिए लिखे हुए नोट, मोबाइल फोन, लैपटॉप व पेन ड्राइव जैसा आपत्तिजनक सामान जब्त किए हैं. जांच के दौरान यह पाया गया कि सिद्दीकी भारत से आईएसआईएस की ओर से कट्टरपंथ और युवाओं की भर्ती में सक्रिय रूप से शामिल था।
मकबूल आलम रोड से पकड़ा गया
बुधवार की शाम एनआईए द्वारा लालपुर थाना क्षेत्र के मकबूल आलम रोड स्थित कच्ची बाग इलाके से 24 वर्षीय बासित कलाम सिद्दीकी को पकड़ा गया। उसकी घर की तलाशी में आईएसआईएस से संपर्क के सबूतों के साथ आतंकी साहित्य, आईईडी बनाने के हाथ से लिखे नोट्स के अलावा लैपटॉप, मोबाइल और पेन ड्राइव में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। आतंकी को गिरफ्तार करने के साथ ही एनआईए ने उसके पिता और भाई से भी पूछताछ की। भारत में आईएसआईएस के ‘वॉयस ऑफ हिंद’ मॉड्यूल पर 29 जून 2021 को एनआईए ने मामला दर्ज किया था। इस मामले में पहले भी उमर निसार उर्फ कासिम खुरासानी सहित छह की गिरफ्तारी हो चुकी है। कासिम को ‘इस्लामी कश्मीर का अमीर’ उपनाम दिया गया था। मामले में छानबीन के दौरान नई जानकारियां मिलने पर बुधवार को एनआईए ने दिल्ली और बनारस में छापेमारी की। मकबूल आलम रोड स्थित कच्ची बाग में सुबह पहुंची टीम ने अंडा कारोबारी अब्दुल कलाम सिद्दीकी के घर छापा मारा और उसके बेटे बासित कलाम सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया। लगभग छह घंटे तक घर की तलाशी ली गई और अहम सबूत जुटाए। एनआईए के पास बासित के आईएस के सक्रिय संपर्क में रहने की पुख्ता जानकारी है। पूछताछ के बाद उसके पिता और भाई को छोड़ दिया गया। जबकि लालपुर थाने में आरोपी से पूछताछ जारी थी। बासित उत्तर प्रदेश में आईएस के मॉड्यूल की तरह काम कर रहा था। आईएस की ऑनलाइन मैगजीन ‘वॉयस ऑफ खुरासान’ के जरिए युवाओं को भड़काने के साथ ही वह टेलीग्राम चैनल के जरिए आईईडी बनाने का प्रशिक्षण दे रहा था। उसके घर की तलाशी में एनआईए को आतंकी साहित्य के अलावा विस्फोटक तैयार करने संबंधी कई दस्तावेज भी मिले हैं।
ब्लैक पाउडर के जरिए करता धमाका
इस्लामिक स्टेट का पकड़ा गया आतंकी के पास ब्लैक पाउडर बनाने का फॉर्मूला पाया गया। ये फॉर्मूला उसे अफगानिस्तान में बैठे आका बता रहे थे. एनआइए के मुताबिक ब्लैक पाउडर खतरनाक होता है. सामान्य भाषा में कहें तो यह एक देसी बारूद होता है. जिससे बम, पटाखे, विस्फोटक आदि तैयार होते हैं. इसे ही गन पाउडर कहते हैं. यह एक तरह का रसायनिक विस्फोटक है. इसे बनाने के लिए सल्फर, कार्बन या चारकोल और पोटाश यानी पोटैशियम नाइट्रेट की जरुरत होती है. इसका इस्तेमाल फायर आर्म्स, तोप के गोले, रॉकेटरी और पाइरोटेक्नीक में सामान्य तौर पर इस्तेमाल होता है. कुछ जगहों पर इसका उपयोग खनन और सड़क निर्माण के समय विस्फोट के लिए होता है. वैसे तो इसे कम तीव्रता का विस्फोटक मानते हैं, लेकिन तीव्रता बढ़ाने के लिए अन्य रसायन मिलाएं जाते है। इसके साथ एक ही दिक्कत थी कि जब यह फटता था तब धुआं बहुत आता था. इसलिए आजकल इसका बेहद हल्का स्वरूप पटाखों और आतिशबाजी में इस्तेमाल होता है. अब कम धुएं वाले विस्फोटक आ गए हैं. कुछ तो बिना धुएं के ही फट जाते हैं. इसके बाद जो विस्फोटक आए उनमें सबसे ज्यादा फेमस हुआ डायनामाइट और अमोनियम नाइट्रेट। ब्लैक पाउडर का कई जगहों पर इस्तेमाल होता है। असल में ब्लैक पाउडर तेजी से जलता है. किसी भी तरह के प्रोपेलेंट की तरह उपयोग किया जा सकता है. इसलिए दिवाली के रॉकेट को देखिए… जब तक उसमें भरा बारूद जलता रहता है, वह तेजी से ऊपर जाता रहता है. लेकिन इसी बारूद को किसी बंद धातु या डिब्बे में खतरनाक चीजों के साथ रखकर विस्फोट किया जाए तो यह घातक सिद्ध हो सकता है. जैसे- कूकर बम, रस्सी बम या पाइप बम. आमतौर पर ऐसे देसी बमों का उपयोग नक्सली करते
टेलीग्राम मैसेजिंग एप पर कई ग्रुपों से जुड़ा था
एनआइए के मुताबिक आइएस के ’वायस आफ हिंद’ माड्यूल की जांच के सिलसिले में सिद्दीकी की सक्रियता की जानकारी मिली। सिद्दीकी की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जाने लगी। इससे साफ हुआ की वह आइएस के अफगानिस्तान स्थित हैंडलर के सीधे संपर्क में था। हैंडलर के इशारे पर वह भारत में युवाओं को कट्टरता का पाठ पढ़ाने की कोशिश कर रहा था। वह आइएस की प्रोपेगेंडा मैगजीन ’वायरस आफ खुरासान’ में अपने आतंकी विचारों को साझा भी कर रहा था। यही नहीं, सिद्दीकी ’ब्लैक पाउडर’ का उपयोग कर आइईडी बनाने की कोशिश भी कर रहा था। वह टेलीग्राम मैसेजिंग एप पर कई ग्रुपों से जुड़ा था, जिस पर अहम ठिकानों और भीड़-भाड़ वाले इलाके में आतंकी हमले की ट्रेनिंग दी जाती थी। दिल्ली और वाराणसी में मारे गए छापे में सिद्दीकी के ठिकाने से आइईडी बनाने के लिए हाथ से लिखे नोट्स मिले हैं। इसके साथ है विस्फोटक सामग्री, मोबाइल फोन, लैपटाप और पेन ड्राइव भी बरामद किए गए हैं। इस माड्यूल के छह आतंकियों को एनआइए पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है, जिसमें आइएसजेके (इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर) का अमीर उमर निसार उर्फ कासिम खुरासानी भी शामिल है।