चक्रवात Fengal का कहर, पुडुचेरी के सीएम बोले ‘कई साल से नहीं देखी इतनी भारी बारिश’

चक्रवात फेंगल के कारण तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी बारिश हुई। तमिलनाडु में बारिश के कारण चेन्नई हवाईअड्डे को बंद करना पड़ा और शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया। तूफान के कारण हुई भारी बारिश और तेज हवाओं ने चेन्नई में उड़ान और ट्रेन सेवाओं को बाधित कर दिया। वहीं तीन लोगों की मौत की खबर है।

इसको लेकर पुडुचेरी के सीएम एन रंगास्वामी ने भी राज्य का दौरा किया और  कहा , “कई सालों के बाद, पुडुचेरी में 50 सेमी बारिश हुई है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर बाढ़ आई है। मैं वर्तमान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहा हूं। बचाव दल बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।”

तमिलनाडु के कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद

राजधानी शहर में कई अस्पतालों और घरों में भी पानी भर गया। तमिलनाडु के कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और शनिवार को क्षेत्र में आने वाले शक्तिशाली चक्रवाती तूफान से पहले सैकड़ों लोग अंतर्देशीय तूफान आश्रयों में चले गए हैं।

बारिश से संबंधित एक घटना में, चेन्नई में एक एटीएम से नकदी निकालने की कोशिश कर रहे एक प्रवासी श्रमिक की कथित तौर पर बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई।  फेंगल इस सप्ताह की शुरुआत में श्रीलंका के तट से टकराया था, जिसमें छह बच्चों सहित कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी।

कई उड़ानें रद्द यात्री हो रहे परेशान

पड़ोसी केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में, निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को हटा दिया गया और प्रशासन ने निवासियों को चक्रवात के लिए तैयार रहने के लिए आगाह करते हुए एसएमएस अलर्ट भेजा। चेन्नई हवाईअड्डे का एक हिस्सा जलमग्न हो गया और कई उड़ानें रद्द होने से सैकड़ों यात्री प्रभावित हुए। हवाईअड्डे पर परिचालन रविवार सुबह चार बजे तक निलंबित रहेगा। हैदराबाद में भी कम से कम 20 उड़ानें रद्द कर दी गईं जो चेन्नई और तिरूपति से आने-जाने वाली सेवाएं थीं।

पुडुचेरी के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश

पुडुचेरी में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश जारी है। फेंगल चक्रवात ने शनिवार शाम 7 बजे पुडुचेरी तट पर दस्तक दी। अंतिम समाचार मिलने तक चक्रवात महाबलीपुरम (तमिलनाडु) से 50 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व, पुडुचेरी से 60 किमी पूर्व-उत्तरपूर्व और चेन्नई से 90 किमी दक्षिण में था। चक्रवात ‘फेंगल’ के प्रभाव से शनिवार को तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित

सरकार ने 30 नवंबर को शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित कर दिया था। हवाईपट्टी और टैक्सीवे पर पानी भर जाने के बाद चेन्नई हवाईअड्डा प्रबंधन ने एक दिसंबर को तड़के चार बजे तक परिचालन निलंबित करने की घोषणा की। हवाईअड्डे को बंद किए जाने के कारण 50 से अधिक उड़ानें रद कर दी गईं। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

अधिकारियों ने स्थिति की समीक्षा की और एहतियाती उपाय लागू किए

पुडुचेरी और तमिलनाडु में अधिकारियों ने स्थिति की समीक्षा की और एहतियाती उपाय लागू किए हैं। पुडुचेरी के जिला कलेक्टर ए. कुलोथुंगन ने कहा कि जिला प्रशासन ने चक्रवात फेंगल की तैयारी के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। कुलोथुंगन ने एएनआई को बताया कि जिला प्रशासन ने चक्रवात फेंगल के प्रभाव से निपटने के लिए विस्तृत व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि वार रूम कक्ष चालू है, और सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं। चेतावनी संदेश प्रसारित किए गए हैं, और लगभग 4,000 सरकारी अधिकारी ड्यूटी पर हैं।

सीएम स्टालिन ने स्थिति पर बारीकी से नजर रखने को कहा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तैयारियों और एहतियाती उपायों का आकलन किया। उन्होंने राज्य के मंत्रियों केएन नेहरू और केकेएसएसआर रामचंद्रन के साथ चेन्नई स्टेट ऑपरेशन सेंटर का भी दौरा किया। मुख्यमंत्री ने जमीनी स्थितियों का मूल्यांकन करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर, चेंगलपट्टू और अन्य जिलों के जिला कलेक्टरों के साथ बातचीत की।

दो से तीन दिनों तक लगातार बारिश की चेतावनी

उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और आवश्यक उपाय लागू कर रही है। मीडिया को संबोधित करते हुए सीएम स्टालिन ने कहा कि सरकार लगातार निरीक्षण कर रही है और प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठा रही है। मौसम विभाग ने अगले दो से तीन दिनों तक लगातार बारिश की चेतावनी दी है।सीएम स्टालिन ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि चक्रवाती तूफान आज रात तट को पार कर जाएगा। चेन्नई निगम आयुक्त क्षेत्र की स्थितियों का आकलन करने के लिए कांचीपुरम, तिरुवल्लुर, चेंगलपट्टू और अन्य जिलों के जिला कलेक्टरों के संपर्क में हैं, और प्रभावित लोगों को समायोजित करने के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।

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