Cyber Fraud: फ्लिपकार्ट पर लोन के लिए अप्लाई करना पड़ा शख्स को महंगा

साइबर अपराध लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में इसे लेकर काफी जागरूकता फैलाई जाती है। इसके बावजूद बहुत से लोग इन फर्जी स्कीम्स का शिकार होते रहते हैं। सबसे कॉमन स्कैम्स में से एक में पार्ट-टाइम जॉब्स शामिल हैं, लेकिन इस बार जॉब स्कैम नहीं बल्कि लोन के लिए अप्लाई करने की कोशिश करते समय एक आदमी ने ढेरे सारा पैसा खो दिया। हैरानी की बात है कि यह घटना फ्लिपकार्ट ऐप के जरिए हुई। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

पोस्टमास्टर के साथ हुई घटना
ये घटना लुधियाना के एक पोस्टमास्टर के साथ हुआ। जहां उन्होंने लोन से संबंधित साइबर फ्रॉड का शिकार होने के बाद 87,000 रुपये गंवा दिए। सुधार इलाके के कैले गांव के रहने वाले पीड़ित सरबजीत सिंह ने फ्लिपकार्ट ऐप के जरिए 2 लाख रुपये के लोन के लिए अप्लाई किया था। एप्लिकेशन सबमिट करने के कुछ दिनों बाद, 4 दिसंबर को, उसे ऐप के एक प्रतिनिधि के रूप में पेश होने वाले एक व्यक्ति का कॉल आया, जिसमें दावा किया गया कि उसका लोन अप्रूव हो गया है। हालांकि, कॉलर ने उसे बताया कि अधूरे KYC (नो योर कस्टमर) वेरिफिकेशन के कारण लोन नहीं दिया जा सका।

5 रुपये का टोकन पेमेंट बना वजह
इसे ठीक करने के लिए, सरबजीत को एक लिंक पर क्लिक करने और एक ऑनलाइन KYC फॉर्म भरने के लिए कहा गया। इसे एक वैध प्रक्रिया मानते हुए, उन्होंने निर्देशों का पालन किया। इस दौरान उन्हें वेरिफिकेशन को फाइनलाइज करने के लिए 5 रुपये का टोकन पेमेंट करने के लिए कहा गया। लेकिन 5 रुपये के बजाय, उनके बैंक अकाउंट से 86,998 रुपये की मोटी रकम काट ली गई। अचानक कटौती से हैरान सरबजीत ने तुरंत उस व्यक्ति से संपर्क किया, लेकिन उस व्यक्ति ने कॉल काट दिया और फोन बंद कर दिया।

फिर सरबजीत जगरांव पुलिस स्टेशन पहुंचे, और आगे की जांच के लिए मामला साइबर क्राइम डिपार्टमेंट को भेज दिया गया। ASI जगरूप सिंह के मुताबिक, BNS के तहत धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी कराने के लिए धारा 318(4) के तहत, साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की धारा 66(D) के तहत एक FIR दर्ज की गई है। अधिकारी अब उन बैंक अकाउंट्स का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं जिनमें चोरी के पैसे ट्रांसफर किए गए थे।

इन बातों का रखें ध्यान
ऐसे में इस तरह के फ्रॉड का शिकार होने से बचने के लिए, अनजान कॉलर्स या संदिग्ध लिंक से निपटने के दौरान सावधान रहना जरूरी है। खासकर वित्तीय मामलों में हमेशा कॉल्स या मेसेजेस की प्रामाणिकता वेरिफाई करना चाहिए। खासकर जब KYC पूरा करने या कोई पेमेंट करने के लिए कहा जाए। लोगों को सलाह दी जाती है कि अनवांटेड लिंक पर क्लिक करने से बचें और सोर्स को क्रॉस-चेक किए बिना कभी भी पर्सनल डिटेल्स या बैंकिंग जानकारी शेयर न करें। ट्रांजेक्शन को हैंडल करने के लिए ऑफिशियल बैंकिंग ऐप्स और ऑथराइज्ड वेबसाइट्स का इस्तेमाल करना सबसे सुरक्षित तरीका होता है। हमेशा ऑथराइज्ड बैंकों के जरिए लोन के लिए अप्लाई करना बेहतर होता है, न कि फ्लिपकार्ट जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स के जरिए।

Back to top button