करोड़ों में बने BRTS से थमी जयपुर की रफ्तार; कम नहीं, बढ़ गया ट्रैफिक जाम

जवाहरलाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 170 करोड़ की लागत से सीकर रोड और न्यू सांगानेर रोड पर बना बीआरटीएस कॉरिडोर अब हटाया जाएगा। प्रोजेक्ट की खमियों के अलावा भी इसे हटाने की कई बड़ी वजह हैं।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में करोड़ों खर्च कर बीआरटीएस कॉरिडोर इसलिए बनाया गया था, ताकि बसों का मूवमेंट तेज हो सके और ट्रैफिक जाम में भी कमी आए। लेकिन, यह प्राजेक्ट लगभग अपने सभी पैमानों पर फेल ही साबित हुआ। अब जेडीए ने इसे हटाने के लिए सरकार को प्रस्ताव के रूप में अपनी सिफारिश भेज दी है। आइए, जानते हैं कि क्यों फेल हुआ यह प्रोजेक्ट?

जेडीए ने माने कॉरिडोर पर 11 बड़े एक्सिडेंटल प्वाइंटस
जिस बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की कवायद की जा रही है वह प्रोजेक्ट शुरू से ही खामियों भरा रहा। वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट के 43 पैमानों में से 39 पर यह प्रोजेक्ट फेल हो गया।

जेडीए की 2015 की सेफ्टी ऑडिट में भी यह सामने आया था कॉरिडोर में 11 चौराहे और प्वाइंट्स ऐसे हैं जो सड़क हादसों की वजह बन रहे हैं। इनमें भृगु पथ, स्वर्ण पथ, बीटू-बॉयपास, रजत पथ, मुहाना मंडी, वीटी रोड, विजय पथ, सी जोन बॉयपास, पटेल मार्ग और किसान धर्म कांटा शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि कॉरिडोर पर बने इन चौराहों का आकार बहुत बड़ा है। इसके चलते यहां ट्रैफिक जाम की भी भारी समस्या रहती है।

रिपोर्ट के मुताबिक यदि बीआरटीएस कॉरिडोर फुल ऑपरेशनल रहता है तो ट्रैफिक वोल्यूम 2601 पैसेंजर कार प्रति घंटा का रहता है और कुल क्षमता 5100 पैसेंजर कार प्रति घंटा की रहती है। यानी वोल्यूम ऑफ ट्रैफिक का रेश्यो 0.51 फीसदी रहता है।

BRTS पूरी तरह हटाया जाए तो वॉल्यूम टू कैपेसिटी रेश्यो बेहतर
कॉरिडोर पर जो ट्रैफिक स्टेडी रिपोर्ट तैयार की गई उसमें बिना बीआरटीएस के वॉल्यूम टू कैपेसिटी रेश्यो बेहतर बताया गया। रिपोर्ट के मुताबिक यदि बीआरटीएस कॉरिडोर पूरी तरह हटाया जाए तो ट्रैफिक वोल्यूम बढ़कर 2874 पैसेंजर कार प्रति घंटा का रहता है और कुल क्षमता भी 5100 से बढ़कर 6800 पैसेंजर कार प्रति घंटा की हो जाती है। इससे वोल्यूम ऑफ ट्रैफिक का रेश्यो कम होकर 0.42 फीसदी रहता है जो कॉरिडोर से बेहतर है।

कॉरिडोर इन वजहों से भी हटाना जरूरी
हाल में NH ने जयपुर-अजमेर रोड स्थित बीटू बॉय पास पर अंडर पास मंजूर किया है। इसके चलते यहां एक किलोमीटर एरिया में BRTS कॉरिडोर को तोड़ना होगा।
झोटवाड़ा ROB के निर्माण के लिए राव शेखा सर्किल से पानीपेंच तक BRTS कॉरिडोर को तोड़ना होगा।
NHAI ने सीकर रोड पर भी अंडरपास को मंजूरी दी है इसके निर्माण के लिए भी यहां 1.2 किमी तक BRTS कॉरिडोर को तोड़ना होगा।
वहीं राज्य सरकार ने पिछले बजट में विद्याधर नगर तक मेट्रो प्रोजेक्ट को बढ़ाने की मंजूरी दी थी इसके चलते भी यहां BRTS कॉरिडोर को तोड़ना होगा।

Back to top button