गोंडा: बिचौलियों के हाथ धान बेचने को मजबूर छोटे किसान!

रबी के मौसम में गेहूं की बोआई के लिए पूंजी जुटाने में परेशान छोटे व मझोले किसान बिचौलियों के हाथ औने-पौने दर पर धान बेचने को मजबूर हैं। धान बिक्री के चक्कर में छोटे और मझोले किसानों की तिलहनी और दलहनी फसल की बोआई पिछड़ गई है।

धान उत्पादक किसान गौहानी निवासी कैलाश नाथ मिश्रा, रानीपुर निवासी सूर्य लाल विश्वकर्मा, धौरहराघाट देवनपुरवा निवासी छांगुर ने बताया कि धान क्रय केंद्रों पर बड़े काश्तकार व नेता हावी हैं। इन किसानों का कहना है कि केंद्र पर पंखा और झन्ना लगा देने से 20 प्रतिशत तक धान कम हो जाता है। इसके अलावा धान केंद्र तक पहुंचाने का भाड़ा, केंद्र पर पल्लेदारी, नमी व धूल मिट्टी बताकर की जाने वाली कटौती छोटे किसानों पर भारी पड़ रही है। किसानों को हफ्तों तक टोकन लेने की दौड़ लगानी पड़ती है। दस-पांच क्विंटल बेचने वाले छोटे किसान इन परेशानियों से बचने के लिए कस्बे के साहूकारों और बिचौलियों के हाथ 1500 से 1800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेच रहे हैं।

तरबगंज ब्लाॅक में आठ धान क्रय केंद्र खोले गए हैं, जिनमें 1417 किसानों का धान खरीद के लिए पंजीकरण हुआ है। तरबगंज के रेतादलसिंह में दो केंद्र, धनौली बनगांव, सुसेला, सिंगहाभोज, अमौठी के प्रत्येक केंद्र पर दस-दस हजार क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित है। धान खरीद की सरकारी दर ए ग्रेड धान 2320 रुपये और सामान्य धान 2300 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। रेतादलसिंह धान क्रय केंद्र के प्रभारी दीपक गौड़ ने बताया कि केंद्र पर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होने दी जा रही है।

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