गोंडा: मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर बचाएगा गंभीर मरीजों की जान

मेडिकल कॉलेज में गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों का संचालन शुरू किया जा रहा है। हृदयरोगियों की जांच के लिए टूडी ईको मशीन संचालित करने के बाद अब मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। जिसके लिए कोरोना संक्रमण के दौरान शासन से मिले वेंटिलेटर्स के उपयोग किए जाने की व्यवस्था बनाई गई है। जिससे जरूरत पड़ने पर अति गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सकती है।
कोरोना संक्रमण के दूसरे चरण में जिले के कोविड अस्पताल को पीएम केयर फंड व टाटा ट्रस्ट से करीब 150 करोड़ रुपये की अत्याधुनिक मशीनें, बेड व मेडिकल संसाधन मिले थे। जिसमें 33 वेंटीलेटर के अलावा उच्च गुणवत्ता वाली दो बड़ी अल्ट्रासाउंड मशीन, हाई क्वालिटी डिजिटल एक्सरे मशीन, टू-डी ईको, टीएमटी सहित करीब 28 प्रकार की जीवनरक्षक मशीनों को स्थापित किया गया था। लेकिन कोविड का प्रभाव कम होने के बाद मशीने ताले में बंद हो गईं। उपयोग में न आने से 30 वेंटिलेटर खराब हो गए।
अब मेडिकल कॉलेज के प्राधानाचार्य धनंजय श्रीकांत कोटास्थाने ने उन मशीनों की मरम्मत करवाकर मरीजों के लिए उपयोग में लाने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि मरम्मत के बाद इस समय 31 वेंटिलेटर सुचारू रूप से चलने लगे हैं। दो वेंटिलेटर की मरम्मत होनी है। इसके पहले कोविड बिल्डिंग में ओपीडी शुरू कर टू-डी ईको मशीन से हृदयरोगियों की जांच कराई जा रही है। मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में हर रोज करीब 280 मरीज आते हैं, जिनमें 15 से 20 मरीज गंभीर स्थिति में होते हैं, जिनको वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है।
उप प्रधानाचार्य डॉ. एम डब्ल्यू खान ने बताया कि कोरोना संक्रमण के नए वैरियंट को लेकर शासन ने अलर्ट जारी किया है। ऐसे में अस्पताल में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर व दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। बीमारियों के अलावा यदि कोरोना का संक्रमण बढ़ा तो वेंटिलेटर के जरिए मरीजों की जान बचाना आसान होगा।