गोंडा: ठंड की हुई दस्तक, बाजार में गर्म कपड़ों की दुकानें सजीं

गत दिनों हुई हल्की बारिश के साथ ठंड ने दस्तक दे दी है। जिससे गर्म कपड़ों की मांग एकाएक बढ़ गई है। बाजार में गर्म कपड़ों की दुकानों पर भीड़ दिखने लगी है। इससे बाजार में रौनक बढ़ गई है।

चौकबाजार में कपड़े की दुकान कर रहे सरदार रनपाल सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा जैकेट, जर्सी, अपर, हुड, शॉल की मांग बढ़ी है। लोगों ने सर्दियों से निपटने का इंतजाम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही रजाई व गद्दे भी खरीदे जा रहे हैं। जिले भर में सबसे ज्यादा गर्म कपड़े दिल्ली व लुधियाना से आते हैं। उधर, महिलाएं अपने व बच्चों के लिए भी कपड़ों का इंतजाम करने में जुटी हैं।

मौसम के बदले मिजाज को देखते हुए गर्म कपड़ों के दुकानदारों के चेहरे खिल उठे हैं। बाजार में अब गर्म शर्ट, पैंट, प्लाजो, लेडीज सूट, कुर्ती, शाल, स्वेटर, जैकेट सहित अन्य वैरायटी के कपड़ों की भरमार है। नवंबर की शुरुआत होते ही गर्म कपड़ों के कारोबारियों ने दुकानों में स्टाॅक जमा कर दिया है। सरदार नानक सिंह ने बताया कि इस बार गर्म कपड़ों के दाम में कोई अंतर नहीं है। पुराने रेट पर ही ग्राहकों को कपड़े बेचे जा रहे हैं। एक हजार से पांच हजार तक के गर्म कपड़े मिल रहे हैं।
हिमाचल से आए कपड़ा व्यापारी राम बहादुर ने बताया कि कोट, मफलर, गर्म शॉल, स्वेटर, स्वेटर हूडी, जैकेट, लेदर का जैकेट स्वदेशी और विदेशी सभी तरह के खरीदे जा रहे हैं। बारिश के बाद गर्म कपड़े खरीदने के लिए खूब ग्राहक आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 500 से 1500 रुपये तक में स्वेटर मिलता है।

रजाई-गद्दे की भराई ने पकड़ी तेजी
शहर में सड़क के किनारे रजाई गद्दे की भराई का काम भी शुरू हो गया है। लोगों ने रजाई-गद्दा खरीदना शुरू कर दिया है। कुछ लोग रजाई-गद्दा ऑर्डर देकर बनवा रहे हैं। दुकानदार जहीर ने बताया कि एक रजाई में कम से कम पांच किलो रुई की आवश्यकता होती है। जिले में 60, 80, 200 व 250 रुपये प्रति किलो रुई बेची जा रही है। 800 रुपये से रजाई की कीमत शुरू है।

Back to top button