गोंडा: भूमि विवाद में किसान की गोली मारकर हत्या

तरबगंज क्षेत्र के पकड़ी दूबेपुरवा गांव में भूमि विवाद को लेकर सोमवार को दिनदहाड़े किसान की ताबड़तोड़ दो गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। गोलियों की तड़तड़ाहट से आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई। हत्या की सूचना पर दो थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। एसपी विनीत जायसवाल, एएसपी (पश्चिमी) व सीओ तरबगंज ने भी मौके पर पहुंचकर लोगों से जानकारी ली। मृतक के पिता ने आरोपी सेवानिवृत्त फौजी समेत चार के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस आरोपी सेवानिवृत्त फौजी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

उमरी बेगमगंज थाना क्षेत्र के ताराडीह डीहा गांव निवासी दलित प्रहलाद भारती ने बताया कि गांव के ही लाला पुरवा के रहने वाले सेवानिवृत्त फौजी अरुण सिंह से उनका भूमि विवाद चल रहा है। प्रहलाद के मुताबिक उनका बेटा रमेश भारती (50) सोमवार दोपहर करीब तीन बजे साइकिल लेकर घर से निकला था। वह तरबगंज के पकड़ी दूबेपुरवा के पास खड़ंजा मार्ग पर पहुंचा था। तभी पीछे से आए बाइक सवार सेवानिवृत्त फौजी अरुण सिंह ने उनके बेटे पर तमंचे से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। दो गोलियां उसके सीने पर लगीं। बचने के लिए रमेश भागा और कुछ दूर बाद खेत में गिर गया।

इसी बीच हमलावर बाइक से भाग गया। गोलियां चलने की आवाज सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंचे और रमेश को सीएचसी पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हत्या की सूचना पर सीओ तरबगंज विनय कुमार सिंह, कोतवाल तरबगंज राजेश सिंह व उमरी बेगमगंज कोतवाल नरेंद्र प्रताप राय मौके पर पहुंचे। पुलिस को मौके पर कारतूस के दो खोखे मिले हैं। बाद में एसपी व एएसपी (पश्चिमी) ने भी मौके पर पहुंचकर लोगों से वारदात के बारे में जानकारी ली।
एएसपी राधेश्याम राय ने बताया कि भूमि विवाद में किसान की हत्या हुई है। प्रहलाद भारती की तहरीर पर सेवानिवृत्त फौजी अरुण सिंह व तीन अन्य के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। आरोपी अरुण सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
ताराडीह के डीहा निवासी रमेश भारती के घर के पास स्थित आबादी की भूमि से सेवानिवृत्त फौजी अरुण सिंह और उसके परिवार के लोग जबरन रास्ता चाहते थे। इसको लेकर गांव में पंचायत हुई थी। जिसके बाद रमेश ने रास्ता दे दिया था। वर्ष 2022 में अरुण सिंह उसी रास्ते पर खड़ंजा लगवाने लगा। रमेश के विरोध करने पर दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी। इस पर अरुण सिंह ने रमेश के परिवार के लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसी रंजिश में रमेश की हत्या कर दी गई।

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